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सपा-बसपा से गठबंधन न करके भी बीजेपी के खिलाफ कुछ इस तरह चक्रव्यूह रच रही कांग्रेस

उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में जगह नहीं मिलने के बाद से कांग्रेस पार्टी ने यूपी में अकेले चुनाव में उतरने का फैसला किया है। हालांकि कांग्रेस लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद समर्थन की गुंजाइश को पूरी तरह से खत्म नहीं करना चाहती है। इसी वजह से कांग्रेस सपा के 5-6 स्टार उम्मीदवारों और अगर बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव लड़ती हैं तो उनके खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेगी।

दरअसल, कांग्रेस हाईकमान ने राष्ट्रीय सचिवों और पर्यवेक्षकों को आदेश दिया है कि यादव कुनबे के जो सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं, उनके खिलाफ प्रत्याशियों का चयन नहीं किया जाए। कुछ चुनिन्दा सीटों पर प्रत्याशियों का चयन नहीं करने के लिए कहा गया है। इनमें कन्नौज, मैनपुरी, फिरोजाबाद शामिल है। इसके साथ ही ये भी निर्देश दिया है कि डमी कैंडिडेट भी तैयार रखा जाए।

सूत्रों की मानें तो कई सीटें ऐसी भी हो सकती हैं, जहां पर गठबंधन का प्रत्याशी मजबूत हो तो कांग्रेस बीजेपी का वोट काटने के लिए डमी कैंडिडेट भी मैदान में उतार सकती है। इसकी वजह से गठबंधन में न होते हुए भी बीजेपी को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। दरअसल कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय हुआ तो बीजेपी को उसका फायदा मिल सकता है। जिसके लिहाज से पार्टी हर सीट का आंकलन फूंक-फूंककर कर रही है।

कांग्रेस का कहना है कि सपा-बसपा ने गठबंधन में कांग्रेस के लिए 2 सीटें छोड़ी हैं। ये उनका बड़प्पन है, लेकिन कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में किसान विरोधी, युवा विरोधी मोदी सरकार के खिलाफ मजबूती से चुनाव लड़ रही है। हमारे राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ये पहले ही साफ कर चुके हैं कि कांग्रेस भी गठबंधन के लिए कुछ सीटें छोड़ेगी। अब वो सीटें कौन-कौन सी होगी इस पर फैसला राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और रोबर्ट वाड्रा को लेना है। वहीं डमी कैंडिडेट के मुद्दे पर अंशु अवस्थी ने कहा कि ये सब मीडिया की परिकल्पना है। ऐसा कुछ भी नहीं है, हर पार्टी चुनाव मजबूती से लड़ती है। कांग्रेस पार्टी भी सभी लोकसभा सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी।