राजस्थान की राजनीति उतार-चढ़ाव से भरी रही है। यहां कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी सत्ता में आती-जाती रहती है। इससे पहले राजस्थान में भाजपा की सरकार थी, जिसमें वसुंधरा राजे यहां की मुख्यमंत्री थीं, लेकिन बीते विधानसभा चुनाव में राजस्थान में जनता ने एक बार फिर से बाजी पलट दी और यहां कांग्रेस की सरकार बन गई, जिसके बाद अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री बने।
एक वक्त राजस्थान की राजनीति में ऐसा भी आया था, जब यहां कांग्रेस की सरकार लगातार 17 वर्षों तक रह गयी थी। यही नहीं, एक ही व्यक्ति लगातार 17 वर्षों तक राजस्थान का मुख्यमंत्री भी रहा था। इनका नाम था मोहन लाल सुखाड़िया। जी हां, मोहन लाल सुखाड़िया ने 17 वर्षों तक राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद संभाला था और इस तरीके से राजस्थान के इतिहास में सबसे लंबे वक्त तक लगातार बने रहने वाले मुख्यमंत्री बन गए थे।
मोहन लाल सुखाड़िया जब एक के बाद एक चुनाव जीतते ही जा रहे थे तो ऐसे में दिल्ली तक लोग उन्हें जानने लगे थे। राजस्थान के सबसे मशहूर नेताओं में से वे एक रहे हैं। यहां तक कि आधुनिक राजस्थान के निर्माता के तौर पर भी सुखाड़िया को जाना जाता है। सबसे लंबे समय तक राजस्थान के मुख्यमंत्री की जिम्मेवारी संभालने वाले सुखाड़िया ने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
जय नारायण व्यास की सरकार वर्ष 1952 में राजस्थान में बनी थी। इस दौरान मोहनलाल सुखाड़िया को वित्त मंत्री के पद की जिम्मेवारी दी गई थी। सुखाड़िया को इतना महत्वपूर्ण पद दिया जाना ही इस बात की पुष्टि करता है कि राजस्थान की राजनीति में उनकी अहमियत क्या थी। उस दौरान कांग्रेस में राम राज्य परिषद के 22 सदस्य चले गए थे। इस परिस्थिति में एक बार फिर से जय नारायण व्यास को यहां विश्वास मत हासिल करने के लिए बाध्य होना पड़ा था। जब जय नारायण व्यास विश्वास मत हासिल कर रहे थे तो उसी दौरान एक युवा जो उन्हीं की सरकार में था, वह उनके सामने आकर खड़ा हो गया था। यह कोई और नहीं, बल्कि मोहन लाल सुखाड़िया थे। जब विश्वास मत के नतीजे आए तो हर कोई हैरान रह गया। वह इसलिए कि मोहन लाल सुखाड़िया की इसमें 8 मतों से जीत हो गई थी। किसी को भी यकीन नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है, मगर मोहन लाल सुखाड़िया ने तो पूरा पासा ही पलट कर रख दिया था।
इसी जीत के बाद मोहन लाल सुखाड़िया राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे। उसके बाद 17 वर्षों तक कोई और उनकी जगह नहीं ले पाया। इस तरह से उन्होंने सबसे लंबे समय तक राजस्थान में मुख्यमंत्री के तौर पर काम किया। जिस वक्त मोहन लाल सुखाड़िया राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे, तब वे युवा थे। उनकी फुर्ती देखते ही बनती थी। साथ ही उनकी राजनीतिक समझ भी गजब की थी। अपनी लाजवाब राजनीतिक समझ के कारण ही वे मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचे थे और इतने लंबे समय तक उन्होंने किसी और को मुख्यमंत्री बनने का मौका ही नहीं दिया।
मोहनलाल सुखाड़िया 8 जुलाई 1971 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहे थे। इस तरीके से भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक किसी राज्य का मुख्यमंत्री रहने वाले दूसरे व्यक्ति बनने का गौरव उन्हें हासिल है। राजस्थान के झालावाड़ में 31 जुलाई 1916 को मोहनलाल सुखाड़िया का जन्म हुआ था। वे एक जैन परिवार से नाता रखते थे। अपनी प्रारंभिक शिक्षा तो सुखाड़िया ने उदयपुर में ही हासिल की थी, लेकिन बाद में वे मुंबई चले गए थे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री हासिल करने के लिए। जिस वक्त मोहन लाल सुखाड़िया अपनी पढ़ाई के लिए मुंबई गए हुए थे तो उस वक्त भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन अपने चरम पर था। इस दौरान विशेषकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचारों से सुखाड़िया बहुत हद तक प्रभावित हुए थे।
बाद में मोहन लाल सुखाड़िया मुंबई से लौट आए थे और वापस आकर उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान शुरू कर दी थी। यहां अपने दोस्तों के साथ बैठकर वे ब्रिटिश राज को लेकर खूब बातें किया करते थे। मोहन लाल सुखाड़िया, जिन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए राजस्थान के विकास के लिए कई काम किए, उन्होंने 1982 में 2 फरवरी को बीकानेर में अंतिम सांस ली।