लोकसभा चुनाव जो कि जुबानी जंग से शुरु हुए थे, वो अब आगजनी, पत्थरबाजी और हाथापाई में बदल गए हैं। कोलकाता में अमित शाह के रोड शो में जमकर बवाल होता है, गाड़ियों में आग लगा दी जाती है, पत्थरबाजी होती है और कई कार्यकर्ता घायल होते हैं। समाज सुधारक ईश्वर चंद विद्यासागर की प्रतिमा को क्षति पहुंचाया जाता है। केंद्र की सत्ता में बैठी बीजेपी ने इसके लिए तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया है, तो वहीं पश्चिम बंगाल की सत्ता में बैठी टीएमसी ने इसके लिए ‘बाहर से आए बीजेपी समर्थकों’ पर आरोप लगा दिया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के बाहरी गुंडों पर हिंसा का आरोप लगाया है। कोलकाता पुलिस कमिश्नर डॉक्टर राजेश ने कहा कि हिंसा में शामिल 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है और दोषियों को सजा देने की बात की जा रही है। इस हिंसा के विरोध में ममता ईश्वर चंद्र विद्यासागर और विवेकानंद की तस्वीरों के साथ रैली निकाल रही हैं तो अमित शाह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। इस राज्य में लगातार दोनों दलों के जुबानी और हिंसक प्रदर्शन से चुनाव पर भारी असर पड़ रहा है।
एक महीने से ज्यादा वक्त से चल रहे चुनाव में टीएमसी और बीजेपी के बीच में खूब तनातनी देखी गई है। पहले पीएम मोदी ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हैं तो ममता जवाब देती हैं तो कभी ममता बनर्जी आरोप लगाती हैं तो पीएम जवाब देते हैं। प्रधानमंत्री रैलियों में ममता बनर्जी को ‘स्पीड ब्रेकर दीदी’ कहते हैं तो ममता बनर्जी मोदी को ‘एक्सपायरी बाबू’ कहती हैं। इन बयानबाजी के बीच कई बार मतदान के दौरान हिंसा की खबरें सामने आई। अभी तक 6 चरणों में वोटिंग हुई है और शायद ही कोई चरण ऐसा हो जिसमें हिंसा नहीं हुई हो। कभी उम्मीदवारों पर हमला हुआ है तो कभी कार्यकर्ताओं पर। पहले चरण में अलीपुरदुआर और कूच बिहार में टीएमसी और बीजेपी समर्थकों में हिंसा हुई और लेफ्ट उम्मीदवार गोविंदा राय पर हमला किया और उनकी गाड़ी तोड़ी गई। तो वहीं दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान बीजेपी की महासचिव और रायगंज से उम्मीदवार देबश्री चौधरी ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ता बूथ कैप्चरिंग की कोशिश कर रहे हैं। रायगंज में ही सीपीएम प्रत्याशी मोहम्मद सलीम की गाड़ी पर इस्लामपुर इलाके में पथराव किया गया।
तीसरे चरण में बालीग्राम में कांग्रेस और टीएमसी कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई जिसमें वोट देने के लिए लाइन में खड़े एक शख्स की मौत हो गई। वहीं मालदा दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के कालिया चौक में बाइक सवार बदमाशों ने मतदान केंद्रों के बाहर क्रूड बम फेंके और इसमें टीएमसी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए।
हिंसा का सिलसिला चौथे चरण में भी जारी रहा और वोटिंग के दौरान आसनसोल में टीएमसी और बीजेपी समर्थक आमने-सामने आ गए। पोलिंग बूथ के अंदर बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो लोगों से भिड़ते हुए नजर आए। जिसके बाद 5वें चरण में बैरकपुर में वोटिंग के बीच बीजेपी-टीएमसी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। बैरकपुर से बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन सिंह पर भी हमला किया गया और उन्होंने हमले का आरोप टीएमसी पर लगाया। छठे चरण में भी हिंसा की घटनाएं देखने को मिली है। बीजेपी उम्मीदवार भारती घोष और उनकी गाड़ी पर हमला किया गया और वो इस दौरान भावुक भी हो गईं। मतदान शुरू होने से पहले झारग्राम में एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। पश्चिम बंगाल के घाटल लोकसभा क्षेत्र के पश्चिम मिदनापुर के पिंगला में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद सैफुल्ला से मारपीट की गई है।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। आपको बता दें कि इससे पहले वामदल और टीएमसी आमने-सामने होती थी और अब ज्यादातर जगहों पर टीएमसी और बीजेपी आमने-सामने है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में टीएमसी, बीजेपी, वामदल और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। यहां पर बीजेपी अपनी सियासी जमीन तैयार कर रही है और टीएमसी, कांग्रेस और वामदल समय-समय पर सत्ता में रही है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 में से 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी और टीएमसी ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि कांग्रेस के खाते में 2 और वामदलों के खाते में चार सीटें गई थी।
इस चुनाव में बीजेपी को ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद है, तो वहीं टीएमसी के सामने 2014 को दोहराने की चुनौती भी है। एक तरफ ममता बनर्जी हैं तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। यहां पर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने और ‘मीम’ शेयर करने को लेकर भी खूब विवाद हो रहा है। बीजेपी का आरोप है कि ममता बनर्जी ने जय श्री राम का नारा लगाने पर उसके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। जिन्हें टीएमसी ने खारिज किया है। गौरतलब है कि आखिरी चरण की 9 सीटों पर सभी का दांव लगा हुआ है। बीजेपी, टीएमसी, कांग्रेस और वामदलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। टीएमसी की कोशिश है कि बीजेपी सूबे में कोई स्पेस नहीं ले।