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भारत के 10 अजीब कानून जो क्यों है ये कोई नहीं जानता

भारत में कानून का जो महत्व है वो किसी से भी छिपा हुआ नहीं है। जहां कुछ कानून हमें जीने से लेकर आजादी तक का अधिकार देते हैं। तो वहीं हमें समाज में बनाने लायक बनाते हैं, लेकिन कुछ कानून ऐसे भी हैं जिनकी हमें जरूरत नहीं है या फिर उनमें बदलाव की आवश्यकता है। कानून का मकसद गलत चीज को रोकना होता है और समाज में शांति व्यवस्था का ख्याल रखना होता है। लेकिन आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि भारत में कुछ ऐसे कानून है जिनके बारे में पढ़कर आप सोचेंगे कि आखिर ये आज है ही क्यों? तो चलिए जानते हैं भारत के 10 अजीब कानून के बारे में।

शराब पीने के लिए अलग कानून

भारत के अजीब कानून की सूची में सबसे पहले बात करते हैं शराब पीने से जुड़े कानून के बारे में। दरअसल हमारे देश में शराब को लेकर कोई कानून है ही नहीं, हर राज्य ने अपने हिसाब से कानून बनाएं हुए हैं। जैसे कि दिल्ली में 25 साल से ज्यादा उम्र के लोग ही शराब पी सकते हैं, तो वहीं गुजरात में तो शराब बैन ही है। लेकिन हमारे देश में हर कोई 18 साल के ऊपर वोट दे सकता है, वो वाहन चला सकता है और भी बहुत सी चीजें है जो वो 18 साल की उम्र के बाद कर सकता है लेकिन शराब नहीं पी सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि महाराष्ट्र में 21 साल वालों को बीयर और वाइन पीने का अधिकार है, लेकिन वे अन्य ड्रिंक नहीं पी सकते हैं। आप सभी जानते हैं कि भारत में 18 साल की उम्र के बच्चों को बालिग माना जाता है और उन्हें वोट डालने का भी अधिकार है। इतना ही नहीं, इस उम्र में लड़कियों की शादी भी कानूनी रूप से सही है, तो शराब पीने के लिए 25 साल उम्र तय करने का क्या मतलब है।

पतंग उड़ाने के लिए परमिट होना जरूरी

हर साल 15 अगस्त और मकर सक्रांति पर जो छत पर चढ़ कर पतंग उढ़ाते हैं ने आप, तो वो पतंग आपको जेल में डाल सकती है। जी हां भारत के अजीब कानून में ये भी एक शामिल है। एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के मुताबिक पुलिस की इजाजत के बिना पतंग उड़ाना एक कानूनी अपराध है। तो बचपन से लेकर अब तक जितनी भी आपने पतंगें उढ़ाई है तो उतनी बार आप कानून तोड़ चुके हैं। शायद आपको पता नहीं है कि ऐसा करने पर आप पर 10 लाख का जुर्माना हो सकता है और 2 साल की जेल भी हो सकती है। तो ये कोई छोटा मोटा कानून नहीं है इसमें सजा लंबी हो सकती है। इस एक्‍ट के दायरे में बैलून, एयरशिप, काइट्स, ग्‍लाइडर्स और फ्लाइंग मशीन आदि शामिल हैं।

सिर्फ भारतीय डाक सेवा ही पत्रों का वितरण कर सकते हैं

भारतीय डाक सेवाओं के द्वारा भेजे गए डाकों की स्थिति इंडियन पोस्ट ऑफिस एक्ट 1898 के मुताबिक सिर्फ भारतीय डाक ही आपके पते पर पत्र पहुंचा सकते हैं। तो अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि तो जो ये इतनी सारी कुरियर कंपनियां हैं वो कैसे काम कर रही हैं। तो दरअसल, कुरियर कंपनियां पत्रों को डॉक्यूमेंट यानी दस्तावेज कहती हैं इसलिए उन्हें ये डिलीवर करने का अधिकार है। कम से कम भारतीय पोस्‍ट ऑफिस एक्‍ट, 1898 तो यही कहता है, हालांकि इसे बने हुए भी 120 साल से ज्यादा हो गए हैं, तो अब तक ये अजीब कानून क्या कर रहा है। लेकिन शायद किसी का ध्यान ही नहीं गया कि ऐसा भी कोई कानून हमारे देश में काम करता है। हो सकता है कि आपने भी कभी इसके बारे में न सुना हो।

खुदकुशी का कानून

अब जिस कानून के बारे में बात कर रहे हैं वो हद से ज्यादा ही अजीब है, क्योंकि ये कानून कहता है कि भारत में खुदकुशी करना तो वैध है, लेकिन खुदकुशी की कोशिश करना नहीं उस पर आपको सजा हो सकती है। इंडियन पीनल कोड में सुसाइड एटेम्पट करने पर सजा का प्रावधान है, लेकिन अगर वो उसमें मर गया तो उसमें कानून कुछ नहीं कर सकता है। अगर कोई व्‍यक्ति खुदकुशी करता है और वो बच जाता है तो आईपीसी की धारा 309 के तहत उसे खुदकुशी में नाकाम रहने पर सजा का प्रावधान है।

वेश्यावृत्ति कानूनी है, लेकिन आप इसकी दलाली नहीं कर सकते

भारत के अजीब कानून में से एक ये भी कहता है कि वेश्यावृत्ति को अगर कोई निजी व्यापार के रूप में करता है, तो वो कानूनी रूप से सही है, लेकिन कोई सार्वजनिक जगह पर ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिश करता है तो ये गैरकानूनी है। वेश्यालय, प्रॉस्टीट्यूशन रिंग्स, पिंपिंग आदि गैरकानूनी हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि भारत में इस संबंध में कोई भी साफ रूप से कानून नहीं बना हुआ है और न तो किसी ने बनाने के बारे में सोचा।

इंटरनेट सेंसरशिप

इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के तहत ऑनलाइन पॉर्नोग्राफी गैरकानूनी है। हालांकि, अकेले में आप इसे देख सकते हैं। इसे कहते हैं सहूलियत के हिसाब से कानून बनाना। जी हां ये भी एक अजीब कानून ही है। सरकार इंटरनेट से एडल्ट कंटेंट को बैन करने के लिए कई स्टेप्स उठाती है। लेकिन इसके लिए कोई एक पॉलिसी इंडिया में मौजूद नहीं है, जिसने ये लिखा हुआ हो की कौन सी वेबसाइट नहीं दिखानी चाहिए।

केरल में तीसरा बच्चा होने पर जुर्माना देना होता है

केरल में सिर्फ दो ही बच्चों को पैदा करने की इजाजत है। अगर किसी दंपत्ति को तीसरा बच्चा होता है तो उसे 10,000 जुर्माना देना होता है। साथ ही किसी भी तरह की सरकारी योजना का फायदा भी सिर्फ पहले दो बच्चों को ही मिलता है। हालांकि ये नियम भारत की बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से सही है, लेकिन इसका पालन करना बेहद ही अजीब है और ये सिर्फ और सिर्फ केरल राज्य में ही है।

ट्रैफिक इंस्पेक्टर बनने के लिए जरूरी है सफेद दांत

क्या कभी आपके दांतों की वजह से नौकरी गई है, उम्मीद करता हूं कि ऐसा नहीं हुआ होगा, लेकिन अब जिस कानून के बारे में बताने जा रहा हूं उसके तहत अगर आपके दांत सफेद नहीं है तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। जी हां है न एकदम अजीब कानून। इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट 1974 के तहत अगर आप आंध्र प्रदेश में ट्रैफिक इंस्पेक्टर बनना चाहते हैं तो आपके दांतों का मोतियों की तरह सफेद होना जरूरी है। इसके बिना आपको ये जॉब नहीं मिल सकती है। हालांकि आप सोच में होंगे कि अच्‍छे मजबूत दांतों का वाहन निरीक्षक से क्‍या संबंध है लेकिन आंध्र प्रदेश में केवल इसी मापदंड पर ये नौकरी दी जाती है।

किसी तरह की अश्लीलता न फैलाएं

इंडियन पीनल कोड की धारा 294 के तहत यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक रूप से कुछ भी अश्लील बोलता है या अश्लील हरकत करता है तो वो सजा का हकदार होगा, लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि ‘अश्लील’ शब्द की व्याख्या नहीं की गई है। तो कैसे पता चलेगा कि अश्लील का क्या मतलब है।

लड़ाई में चाकू का इस्तेमाल नहीं कर सकते

भारतीय संविधान के अनुसार भारत के सैनिकों को लड़ाई में चाकू का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। लेकिन नागालैंड में ये कानून अप्लाई नहीं होता है। इस राज्य में सैनिक लड़ाई में चाकू इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नागालैंड में चाकू को पारंपरिक हथियार मानते हैं।