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सुमित्रा महाजन के बिगड़े बोल “हेमंत करकरे अच्छे अधिकारी नहीं थे”, दिग्विजय का करारा जवाब

साध्वी प्रज्ञा का नाम भोपाल से घोषित होने के साथ साथ एक नाम और चर्चा में आया और वो है मुंबई ब्लास्ट में शहीद हुए एटीएस अधिकारी हेमंत करकरे| उन्हें साध्वी प्रज्ञा ने श्राप दिया तो अब पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उनके ऊपर सवाल खड़ा करके एक नए विवाद को जन्म दे दिया है| एक के बाद बीजेपी नेताओं के बयान हेमंत करकरे को लेकर आ रहे हैं|

क्या बोलीं सुमित्रा ?

महाजन ने कहा कि ” हेमन्त करकरे ड्यूटी पर शहीद हुए थे लेकिन बतौर एटीएस पुलिस अधिकारी उनकी भूमिका सही नहीं थी| उनके दो पहलू हैं, वो शहीद हुए क्योकि वो ड्यूटी पर थे लेकिन अगर बात कि जाए अच्छे अधिकारी की तो वो ऐसे नहीं थे”| सुमित्रा यही नहीं रुकी बल्कि उन्होंने कहा कि “मैंने सुना हैं की हेमंत करकरे दिग्विजय सिंह के दोस्त थे| सिंह हमेशा उस समय पर आरएसएस के ऊपर बम बनाने का आरोप लगाते थे और उन्ही के इशारे पर करकरे ने गिरफ़्तारी कि थी| दिग्विजय आरएसएस को आतंकी संगठन कहते थे”| महाजन ने आगे कहा कि “केवल प्रज्ञा ठाकुर नही थीं जिन्हें पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया बल्कि दिलीप ठाकुर के साथ ऐसा ही हुआ और कभी वापिस नहीं लौटे| इसका मुद्दा लोकसभा और कोर्ट में भी उठाया गया था| महाजन ने कहा कि उनकी हत्या पुलिस हिरासत में कर दी गई थी”| सुमित्रा के इस बयान से भूचाल मचा तो दिग्विजय सिंह सामने आये और उन्होंने इसका पलटवार किया|

सुमित्रा ताई, मुझे आप पर गर्व है

भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने कहा कि “सुमित्रा ताई, मुझे आप पर गर्व है कि आपने मुझे अशोक चक्र विजेता हेमंत करकरे से जुड़ा हुआ बताया, आपके सहयोगियों को करकरे से जुड़ने में शर्मिंदगी महसूस होती होगी, लेकिन मैंने हमेशा उनका समर्थन किया है जिन्होंने देश की सुरक्षा की है, जिन्होंने देश की अखंडता के लिए काम किया है”|

 

कब थमेगा विवाद

आपको बता दें की शहीद हेमन्त करकरे मुंबई ब्लास्ट के समय आतंकियों के हताहों शहीद हुए थे| लेकिन अब एक के बाद एक बीजेपी नेता उनकी शहादत को सिर्फ इसीलिए नकार रहे हैं क्योकि उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर को अरेस्ट किया था और बीजेपी ने अब प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से उम्मीदवार बनाया है|