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अपने मामा साधु -सुभाष की राह पर चल पड़े तेजप्रताप…. क्या होगा हाल !

Politics Tadka Sandeep 3 April 2019
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बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक घराना लालू प्रसाद यादव का परिवार. इस परिवार के लगभग सभी सदस्य सक्रिय राजनीति में हैं. वैसे तो लालू प्रसाद यादव जेल में बंद हैं लेकिन घर के बाहर उनके बेटे, बेटी और पत्नी बिहार की राजनीति में अलग अलग भूमिका निभा रहे हैं. लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में हैं तो वहीं बेटी मीसा भारती राज्यसभा सांसद हैं. इसके साथ ही उनकी पत्नी पूर्व सीएम राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में विपक्ष की नेता है लेकिन इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में हैं उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव जो कि विधायक भी हैं और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भी.

राजद से बनाया अलग मोर्चा

लालू की अनुपस्थिति में इन दिनों पार्टी से जुड़े सभी फैसले तेजस्वी यादव ले रहे हैं. यहां तक की लोकसभा चुनाव में भी सारे टिकट तेजस्वी ने ही बांटे. तेजप्रताप की नाराजगी की वजह यही है. तेजप्रताप अपने कुछ लोगां को लोकसभा का चुनाव लड़ाना चाहते थें लेकिन तेजस्वी ने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया.

इसके अलावा तेजप्रताप की नाराजगी की एक बड़ी वजह रही उनके ससुर चंद्रिका राय को सारण सीट से टिकट देना. मालूम हो कि तेजप्रताप ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या के विरुद्ध तलाक की अर्जी कोर्ट में दे रखी है. इन्हीं सब कारणों से तेजप्रताप यादव ने अलग से लालू राबड़ी मोर्चा बनाने का ऐलान कर दिया और खुद भी सारण से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

क्या तेजप्रताप का हश्र भी उनके मामाओं की तरह होगा !

एक समय था जब बिहार की राजनीति में तेजप्रताप के दोनों मामाओं साधु यादव और सुभाष यादव का वर्चस्व हुआ करता था. राबड़ी देवी सीएम थी और साधु, सुभाष शैडो सीएम की तरह काम किया करते थे. साधु और सुभाष से जुड़े किस्से भी बिहार में बड़े चाव से सुने जाते थे. फिर एक दौर आया कि साधु सुभाष की कहानी खत्म हो गई. लालू प्रसाद से बगावत कर दोनों भाईयों ने लोकसभा और फिर विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन जमानत भी नहीं बचा सकें.

आज साधु और सुभाष कहां हैं, ये कोई नहीं जानता. बिहार की राजनीति को जानने वाला हर जानकार यह समझता है कि अगर तेजप्रताप भी अपने मामाओं की तरह अलग रास्ते पर जाने की कोशिश करते हैं तो उनका राजनीतिक हश्र भी वही होगा जो उनके दोनों मामा का हुआ क्योंकि राजद के कार्यकर्ताओं का रुझान पूरी तरह से तेजस्वी यादव के साथ ही नजर आ रहा है. तेजप्रताप के साथ गिनती के लोग ही नजर आ रहे हैं.

वहीं सारण लोकसभा क्षेत्र में भी लोगों का गुस्सा तेजप्रताप यादव पर उसी दिन से है जिस दिन से उन्होंने इसी इलाके की बेटी ऐश्वर्या राय के विरुद्ध तलाक की अर्जी दी है.