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सरकार जितना आवाज दबायेगी, उतनी ही तेज आवाज उठेगी

दिल्ली में भी अब इंटरनेट बंद होने लगा है। सड़कों पर लोगों से ज्यादा सुरक्षा बल नजर आ रहे हैं। मेट्रो बंंद होने लगी है। अब विरोध को कुचलने के लिए कश्मीर, असम, त्रिपुरा, अरुणाचल वाले रास्ते अपनाएं जा रहे हैं। जो कि दिल्ली वालों के लिए एक चिंता का विषय बनता जा रहा है। क्योंकि विरोध करना एक संवैधानिक हक है और इसको कुचलना लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसी चिंता को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी कूदी है। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेट्रो सेवाएं और इंटरनेट बंद होने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी को भी आवाज उठाने की इजाजत नहीं है। प्रियंका गांधी ने इस संदर्भ में ट्वीट किया और कहा कि जिन्होंने आज टैक्सपेयर्स का पैसा खर्च करके करोड़ों रुपए का विज्ञापन लोगों को समझाने के लिए निकाला है, वही लोग आज जनता की आवाज से इतना बौखलाएं हुए हैं कि सबकी आवाजें बंद कर रहे हैं। मेट्रो स्टेशन बंद हैं। इंटरनेट बंद है। हर जगह धारा 144 लागू है। किसी भी जगह पर आवाज उठाने की इजाजत नहीं है। मगर इतना जान लीजिए कि जितना आवाज दबाएंगे उतनी तेज आवाज उठेगी।

देशभर में हो रहा है विरोध

नागरिकता कानून 2019 के खिलाफ देशभर के विभिन्न राज्यों में सरकार के खिलाफ विरोध हो रहा है। दिल्ली, यूपी, बंगाल, उत्तर पूर्व, गुजरात, मुंबई, कर्नाटक, केरल, हैदराबाद में लोगों का विरोध देखा जा रहा है। दिल्ली में कुछ दिनों से इस एक्ट के आने के बाद हिंसक घटनाएं भी हुई। वहीं दिल्ली में लगातार मेट्रो स्टेशन की सेवाएं बंद कर दी जा रही हैं। इसके अलावा लोग भड़क न सके इसलिए एयरटेल, वोडाफोन, जीयो जैसी दूरसंचार कंपनियों को सरकार की तरफ से आदेश दिया गया जिसमें इंटरनेट बंद कर दिया गया। इसके अलावा दिल्ली के कई हिस्सों में धारा 144 भी लगाई गई है। जिसे लोगों ने तोड़ा और लाल किले पर भारी संख्या में पहुंचे और विरोध करने की कोशिश की है। जिसके बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था। इसकी काफी आलोचना हुई।

इनमें कई बड़े चेहरे जैसे कि योगेंद्र यादव, लेफ्ट नेता डी राजा, को हिरास्त में लिया गया। वहीं नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ मार्च निकालने की कोशिश कर रहे छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को बसों में भरकर भी ले जाया गया है। इन लोगों के हाथों में तख्तियां थी और वो नारे लगाते हुए बसों में बैठ गए। इनमें उमर खालिद भी शामिल है और वहीं जामिया के छात्र भी शामिल हुए। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वह प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थानों पर जाएं।

विपक्षी दल भी शामिल

इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस समेत वामदलों और सपा जैसे दल खुल कर विरोध कर रहे हैं। वामदलों की ओर से मंडी हाउस से शहीदी पार्क तक आयोजित शांतिमार्च शुरु होने से पहले ही पुलिस ने येचुरी और राजा के अलावा वरिष्ठ लेफ्ट नेता बृंदा करात और नीलोत्पल बसु सहित लगभग 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है। डी राजा ने बताया कि वाम दलों के कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से जनसभा कर पैदल मार्च के लिये आगे बढ़े ही थे कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा कि सभी वामदलों के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया गया है।

वहीं समाजवादी पार्टी के विधायकों और नेताओं ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ में विरोध किया और वहां पर आगजनी भी हुई। जिसके बाद पुलिस को पानी की बौछार कर काबू किया गया है। इन नेताओं के विरोध में इतनी दिलचस्पी नहीं होती है क्योंकि नेताओं को राजनीति करने का मौका मिला लेकिन वहीं जो दिल्ली में हो रहा है वहां पर कोई नेता नहीं है। या तो छात्र या फिर युवा सड़कों पर उतर कर इस एक्ट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

इन लोगों के विरोध प्रदर्शन को लगातार कुचला जा रहा है और सरकार की तरफ से पुलिस के द्वारा काफी भारी मात्रा में बल का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं दिल्ली और कश्मीर में कुछ ही फर्क रह गया है, क्योंकि धारा 144 तो लग गई है और इंटरनेट बंद होना भी शुरु हो गया है। साथ ही आधे से ज्यादा सड़कें बंद है, मेट्रो स्टेशन बार बार बंद हो रहे हैं। ये पढ़े लिखें लोग हैं जो इस प्रोटेस्ट में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं और इससे सरकार के अंदर अलग बौख्लाहट साफ नजर आ रही है।