रानी प्रथम या रानी ट्यूडर जो कि इंग्लैंड और आयरलैंड की रानी रही हैं, खूनी मैरी के नाम से भी वे इतिहास में बेहद बदनाम हैं। बताया जाता है कि इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम की बेटी थीं रानी मेरी। वह किसी भी तरीके से इंग्लैंड की रानी बनना चाहती थीं, लेकिन उनके पिता हेनरी अष्टम ने अपने उन्हें अपना वारिस मानने से इनकार कर दिया था। यही नहीं, वर्ष 1553 में राज्य के उत्तराधिकारियों की सूची से उन्होंने रानी मैरी का नाम भी हटा दिया था। रानी मैरी को यह बर्दाश्त नहीं हुआ उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ बगावत कर दी विद्रोहियों की सेना लेकर उन्होंने इंग्लैंड पर हमला बोल दिया और पूरे राजवंश को अपने सामने झुकने पर मजबूर कर दिया। कैथोलिक ईसाई धर्म को मानने की वजह से मैरी ट्यूडर इंग्लैंड को भी कैथोलिक राष्ट्र के रूप में ही परिवर्तित करना चाहती थीं और यही वजह रही कि उन्होंने सैकड़ों की तादाद में पिता द्वारा चलाये जा रहे प्रोटेस्टेंट धर्म को मानने वाले ईसाइयों को यहां खत्म करवा दिया था। अपने पिता और सौतेले भाई-बहनों तक को रानी मैरी ने मरवा दिया था। ख्वाहिश उनकी यही थी कि उनका बेटा आगे शासक बन कर उनके वंश को आगे बढ़ाए, लेकिन मां वह कभी बन नहीं पाईं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर रानी मैरी खूनी मैरी कैसे बन गईं।
रानी मैरी की मां कैथरीन को जब बेटा नहीं हुआ तो इससे राजा हेनरी बेहद नाराज हो गया। उसने उसे तलाक देने का मन बना लिया, लेकिन पोप ने कैथरीन से उसकी शादी रद्द करने की मांग को ठुकरा दिया। इसके बाद हेनरी ने रोम से सारे संबंध खत्म करके 1533 में अपनी पूर्व प्रेमिका की बहन एनी बोलेन से शादी कर लिया और इंग्लैंड में चर्च का प्रमुख भी बन गया। एनी से बेटा ना होने पर हेनरी ने उसे भी मरवा दिया। इसके बाद 4 और शादी उसकी हुई, लेकिन कोई भी शादी नहीं चली और सभी को उसने मरवा दिया और एक से शादी रद्द कर दिया। हेनरी ने केवल रानी मैरी को ही नहीं, बल्कि एनी बोलेन की बेटी एलिजाबेथ को भी उत्तराधिकारियों की सूची से बाहर कर दिया था। उसने उनके सौतेले भाई एडवर्ड को अपना उत्तराधिकारी की सूची में सबसे ऊपर रखा था। इसलिए उसकी मौत के बाद एडवर्ड ही राजा बन गया था।
बन गईं रानी
युवावस्था में ही राजा एडवर्ड बुरी तरह से बीमार हो गया तो रानी मैरी को सिंहासन का दावा करने से एकदम वंचित कर दिया। यही नहीं, उसने नॉर्थंबरलैंड के ड्यूक चचेरी बहन लेडी जैन ग्रे से सिहासन पर बैठने के लिए अनुरोध किया। उसकी मौत के बाद जैन इंग्लैंड की रानी बन गई। रानी मैरी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपनी विशाल सेना लेकर शहर पर आक्रमण कर दिया। शाही सरकार को उन्होंने हटा दिया और खुद को रानी घोषित करने के लिए सभी को मजबूर कर दिया। करीब 9 दिनों तक रानी रही जेन को टावर ऑफ लंदन में रानी मैरी ने कैद कर लिया और नॉर्थंबरलैंड को मौत की सजा उसने दे दी। केवल 2 साल की उम्र में ही रानी मैरी का रिश्ता फ्रांस के राजा के बेटे से तय कर दिया गया था, लेकिन बाद में इस व्यवस्था के समाप्त होने के बाद उनका रिश्ता चचेरे भाई सम्राट चार्ल्स पंचम के साथ तय किया गया था। हालांकि, रानी बनने के वक्त रानी मैरी और चार्ल्स पंचम के बेटे प्रिंस फिलिप के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था, जो कि उनसे उम्र में 10 साल छोटे थे। इन दोनों ने 1554 में शादी भी कर ली थी।
विद्रोह को दबाया
जब रानी मैरी स्पेन के राजकुमार फिलिप से शादी करने जा रही थी तो इंग्लैंड में बहुत से लोगों को यह भय सताने लगा कि कहीं विदेशी वर्चस्व उनके देश में हावी ना हो जाए। इसलिए 1554 में अंग्रेजों के एक समूह की ओर से मैरी को सिहासन से हटाने की कोशिश की गई। हालांकि रानी मैरी ने इस विद्रोह को दबाने में कामयाबी हासिल की और इसमें शामिल करीब सब लोगों को उन्होंने फांसी दे दी। जिन लोगों को फांसी दी गई, उनमें लेडी जैन ग्रे और उनके पिता भी शामिल थे। वैसे, इन दोनों की इस विद्रोह में कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन रानी मैरी ने लोगों को डराने के लिए ऐसा किया। यही नहीं विद्रोह में कोई भूमिका ना होने के बावजूद टावर ऑफ लंदन में कैद अपनी सौतेली बहन एलिजाबेथ को भी उन्होंने एक साल के लिए नजरबंद करवा दिया।
रानी मैरी का अधूरा सपना
रानी मैरी ने अपने शासनकाल में इंग्लैंड में कैथोलिक धर्म को वापस लाया। यही नहीं उन्होंने चर्च में कई सुधार भी किए। रोमन कैथोलिक बिशप पद को उन्होंने बहाल किया। धार्मिक रूपांतरण को सुरक्षित बनाने के लिए उन्होंने पुराने विधर्म कानूनों को भी जीवित करने का काम किया। करीब 300 लोगों को उन्होंने यहां मरवा दिया। ये वे लोग थे जो मैरी को हटाने के लिए विद्रोह कर रहे थे। मेरी का सपना था इंग्लैंड को कैथोलिक बनाने का, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका, क्योंकि 42 वर्ष की उम्र में 1558 में इनफ्लुएंजा बीमारी की वजह से उनकी मौत हो गई। बाद में उनकी छोटी बहन एलिजाबेथ ने 1603 तक यहां शासन किया। उन्होंने इंग्लैंड को फिर से प्रोटेस्टेंटिज्म बना दिया।