नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान लोगों की छिपी हुई प्रतिभाएं सामने आ रहीं हैं ऐसे में घर के पुरुष लगातार अपनी शक्तियों को याद करते हुए बेहतर तरीके से झाडू और पोछा करने में लगे हैं. कामवाली बाइयों ने जताई चिंता कहीं पुरुषों की प्रतिभाएं हमपे न भरी पड़े . उनके इस कार्य को देखकर अखिल भारतीय कामवाली बाई महासंघ ने चिंता जताई है. संघ का कहना है कि “साहेब का काम देखकर कहीं मईडम हमें नौकरी से ना निकाल दें”.
दिखा अनोखा काम– बाइयों ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कई सारी बातें बताई. सोसाइटी के एक घर में हमेशा देर से पहुँचने और महीने में सबसे अधिक छुट्टी लेने वाली एक बाई ने कहा कि- एक दिन मई काम पर गई तो देखा सारे बतर्न धुले हुए थे और मईडम मेरी तरफ गुस्से में देख रहीं थी. मैं पूछा क्या हुआ मईडम तो बोली की देख तेरे साहेब ने कितना अच्छा बर्तन धोया है. तो मई बोली “की मईडम अब मरद का हाथ का बराबरी अपन कैसे कर सकते हैं”. ये सुनकर मईडम और गुस्सा हो गईं. इसके बाद झाडू पोछा भी दिखाया तो ऐसा लगा जैसे मशीन से काम किया गया है. “मेरे को तो लगता है की साहेब अपने दफ्तर में भी यईच काम करता है. खाली सूट पहनकर घर से जाता है”. इसके बाद सभी बाइयों ने अपनी-अपनी कहानी एक दूसरे को सुनाते हुए चिंता जाहिर करी है. उनका कहना है की अगर ऐसे ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब साहेब लोग हमारी नौकरी खा जाएँगे.
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इधर पतियों ने भी जताई नाराजगी– बाइयों के बाद “अखिल भारतीय पीड़ित पति संघ” ने भी आक्रोश जताया है. उनका कहना है कि जितना काम हम करते हैं उतने काम का पैसा बराबर नहीं मिलता. इससे काम काम करने वाली बाई को महीने को तीन हजार रुपये मिलता था और हमें केवल दो हजार रुपये. हम इसकी निंदा करता हैं”. इस मामले में पत्नी संघ ने सफाई देते हुए कहा है कि “बाई खाना आदि नहीं खाती थी और तुम खाना खाते हो इसीलिए उसका पैसा काटा गया है”
तो भाईसाब ये कहानी चल रही है. दुनियाभर की कंपनियों से निकाले जा रहे लोगों के बारे में बातें हो रही हैं लेकिन इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हो रही है.