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दो पैग पीते ही युवक ने किया कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा, बताया फ़ॉर्मूला

ऐसी ही एक खबर आई जिसमे युवक ने लंबे समय के बाद दो पैग लगाते ही कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा किया है. इस घटना से संपूर्ण वैज्ञानिक हैरान हैं, वुहान के भी
Troll Ambresh Dwivedi 8 May 2020
दो पैग पीते ही युवक ने किया कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा, बताया फ़ॉर्मूला

नई दिल्ली: वैसे तो लॉकडाउन के दौरान सब शांत थे लेकिन फिर एक दिन अचानक वो दुकान खुल गई जिसके बाहर लिखा होता है “ठहरिए यही है”. इसके बाद तो मानो कोरोना से लड़ने और उसकी वैक्सीन वाले योद्धा खड़े हो गए. ऐसी ही एक खबर आई जिसमे युवक ने लंबे समय के बाद दो पैग लगाते ही कोरोना की वैक्सीन बनाने का दावा किया है. इस घटना से संपूर्ण वैज्ञानिक हैरान हैं, वुहान वाली लैब के भी लोग.

बताया फार्मूला- सुबह दुकान से सफलता प्राप्त करने के बाद जब युवक घर पंहुचा और विशेष चीज का सेवन किया तो अचानक से ही चिल्लाने लगा. चीख-चीखकर कहने लगा कि “ये कोरोना का होत है, हमाओ कछु ना बिगाड़ लौगो जे करोना, हम बनांगे जे करोना की दवाई”. इतना सुनते ही मानो मोहल्ले वालों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई. खबर मिली की युवक ने इसका फार्मूला भी बताया है. युवक ने कहा कि “पहले एक गिलास लो और उसमे हलके से कुछ बर्फ के टुकड़े डालो और इसके बाद कुछ मात्रा में महुआ शराब मिलाओ. इसके बाद पानी या सोडे की मात्रा मिलाते हुए कुछ देर इंतजार करो. इस दौरान आपके साथ में कुछ पापड़ आदि जैसी चीजे रखी होनी चाहिए जिससे आपको वैक्सीन बनाने की ऊर्जा मिलती रहे और आपका मन लगा रहे. इसके बाद झटके से पूरा गिलास खाली कर दो. लो बन गई वैक्सीन अब बंटवा दो दुनिया भर के अंदर. इसके साथ युवक ने “एक पैग अंदर, कोरोना खत्म” का नारा दिया है. हालाँकि जब उसे होश आया तो खुद को स्थानीय पुलिस चौकी में पाया. और तब से वो वैक्सीन का फार्मूला भूल गया है जो उसने पहले बताया था.

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जगाई उम्मीद की किरण– युवक की इस खोज ने सम्पूर्ण वैज्ञानिक जगत में एक उम्मीद की किरण जगा दी है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि “यार बताओ इत्ते दिन हैगे और हम ना बना पाए वैक्सीन, लेकिन जे आदमी ने बना दई”.

आपको बता दें कि चौकी से छूटने के बाद शाम को घर जाकर युवक वैक्सीन बनाने का एक और नया फार्मूला दे सकता है क्योकि उसका जिले में दुकानें अभी भी खुलीं हुईं हैं.

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.