पीएम मोदी ने देश में लॉकडाउन की घोषणा की और लोगों को कोरोना वायरस के खतरे से अवगत कराया। कोरोना के संभावित खतरों से निपटने के लिए लोग अपने अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। अब तो ऐसा माना जा रहा है कि अगर हालात नहीं सुधरा तो आने वाले तीन महीनों में देश की अर्थव्यवस्था बद से बदतर हो जाएगी। लेकिन इस बीच केंद्र सरकार ने इकॉनमी के मद्देनजर कोरोना वायरस से उपजी परेशानियों से निपटने के लिए बड़ा फैसला किया है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीब कल्याण योजना के तहत देशवासियों को 1.70 लाख करोड़ का कोरोना राहत पैकेज दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस मुश्किल समय में देश की सरकार जनता के साथ में खड़ी हुई है और इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है कि किसी भी देशवासी को इस दौरान कोई समस्या न हो।
क्या क्या मिला राहत पैकेज में
वित्त मंत्री के अनुसार कोई गरीब भूखा न रहे, इसके लिए सरकार ने जरूरी इंतेजाम किए हैं। निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत 5 किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल अगले तीन महीने तक मिलेगा, और इसका सीधा फायदा 80 करोड़ लोगों को मिलेगा। वहीं मंत्री ने गेहूं और चावल के अलावा 1 किलो दाल का प्रावधान भी किया है। इस मुहीम में सरकार उन लोगों के साथ भी है जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। वित्त मंत्री सीतारमण के मुताबिक जो कोरोना कमांडोज इस जंग को लड़ रहे हैं, उन्हें 50 लाख का लाइफ इंश्योरेंस दिया जाएगा।
निर्मला सीतारमण ने इस बात की भी जानकारी दी है कि 8.65 करोड़ किसानों को अप्रैल के पहले हफ्ते में 2 हजार रुपये की किस्त दी जाएगी, जो सीधा उनके खातों में डाल दी जाएगी। ये किस्त किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जा रही है। आपको बता दें कि किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिया जाता है। निर्मला सीतारमण ने बताया कि मनरेगा के तहत आने वाले वर्कर्स की दिहाड़ी बढ़ा दी गई है और ये दिहाड़ी पहले 182 रुपये थी, जो कि अब बढ़कर 202 रुपये हो गई है। इसका फायदा 5 करोड़ परिवारों को होने की उम्मीद है।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों के लिए 1000 रुपये अतिरिक्त उनके खातों में दिए जाएंगे। ये अगले तीन महीने के लिए है, इसे दो किस्तों में दिया जाएगा। इस वर्ग के लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाएगा और इस पहल का फायदा लगभग 3 करोड़ लोगों को होगा। सरकार महिलाओं के लिए भी फिक्रमंद नजर आई है और देश की वित्तमंत्री के अनुसार करीब 20 करोड़ महिलाओं के खाते में अगले तीन महीने तक 500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। ये रकम जनधन खाते में दिए जाएंगे। वहीं उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ बीपीएल परिवारों को तीन महीने तक फ्री सिलिंडर मिलेगा।
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राहत पैकेज के साथ कुछ सवाल भी
सरकार ने इस मुश्किल समय में राहत पैकेज की घोषणा तो की है लेकिन कुछ सवाल भी है जो सरकार की इस पहल के बाद सामने आ रहे हैं।
- इनमें सबसे जरूरी सवाल कि जिन गरीबों का बैंक में अकाउंट नहीं है, उन तक सरकार का पैसा कैसे पहुंचेगा?
- सरकार एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए कहां से लाएगी, और इसका सरकार के खजाने और देश की अर्थव्यवस्था पर कितना बोझ पड़ेगा?
- जिन मजदूरों और कर्मचारियों की नौकरी चली गई है, या जिन्हें अवैतनिक अवकाश पर भेज दिया गया है, उनका क्या होगा?
- वो छोटे औेर मध्यम उद्योग, जिनका कारोबार बंद हो गया है, उन उद्योगों औेर उनके कर्मचारियों के बारे में कोई घोषणा क्यों नहीं की गई?
- कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित एविएशन और टूरिज्म जैसे बड़े संगठित क्षेत्र के लिए क्या कोई अलग से आर्थिक पैकेज आएगा?
सरकार के इस फैसले का फायदा लोगों को कितना मिलता है इसका जवाब तो वक्त के साथ ही मिलेगा लेकिन एक मुश्किल वक्त में जिस हिसाब से सरकार ने फैसला लिया उसकी विपक्ष तक ने तारीफ भी की है और इसे सही समय पर लिया गया एक सही फैसला माना है।