दिल्ली चुनाव के नतीजे आने के बाद से दिल्ली की जनता ने साफ कर दिया है कि उन्हें एक बार फिर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ही चाहिए। इस पर अरविंद केजरीवाल ने अपने चाहने वालों को संबोधित भी किया है। इस संबोधन की शुरुआत भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद और वंदेमातरम के नारों से हुई और खत्म भी इन्हीं नारों के साथ हुई। इस संबोधन की सबसे खास बात ये रही कि अरविंद केजरीवाल ने इस मंच से छुपे तौर पर अपनी मंशा जाहिर की है। उन्होंने ये मंशा जता दी है कि वो दिल्ली में जीत ही चुके हैं और अब एक बार फिर से वो केंद्र की राजनीति में किस्मत आजमाएंगे। इसी बीच केजरीवाल के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर ने भी एक ऐसा ट्वीट किया है जो दिखा रहा है कि अब ये पीके और एके की जोड़ी कोई बड़ा धमाल करने की प्लानिंग कर रही है। आइए नजर डालते हैं उन इशारों पर, जो दिखा रहे हैं कि अब केजरीवाल दिल्ली से आगे बढ़कर देश की राजनीति में कदम जमाने की सोच रहे हैं।
1- केजरीवाल के पोस्टर ने साफ कर दी मंशा
केजरीवाल के पोस्टर में वो लोगों से आप से जुड़ने की गुजारिश कर रहे हैं। इसके जो पोस्टर लगे हैं, उसमें साफ लिखा है कि राष्ट्र निर्माण के लिए आम आदमी पार्टी से जुड़ें। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं तो वो दिल्ली को बेहतर कर सकते हैं, राष्ट्र को नहीं। तो क्या पोस्टर में गलती से राष्ट्र निर्माण लिख दिया है? नहीं। दरअसल, ये इशारा है कि अब वो नेशनल पॉलिटिक्स में एंट्री मारने की सोच रहे हैं। वैसे भी उनकी महत्वाकांक्षा के बारे में तो सबके पता ही है। पिछली बार भी उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ा था। लेकिन तब जनता ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में स्वीकार नहीं किया था।
2- अपने भाषण में खुद केजरीवाल ने भी कही यही बात
अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि ये सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश की जीत है, भारत माता की जीत है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली ने एक नई किस्म की राजनीति की शुरुआत की है, जो देश के लिए शुभ संदेश है। दिल्ली ने काम की राजनीति शुरू की है कि जो काम करेगा उसे ही वोट मिलेगा। उन्होंने ये भी कहा कि यही राजनीति हमारे देश को 21वीं सदी में ले जा सकती है। यानी अपने भाषण में भी उन्होंने ये साफ कर दिया कि वो दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अपनी राजनीति का लोहा मनवाना चाहते हैं।
3- प्रशांत किशोर का ट्वीट भी एक इशारा
प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट किया है जिसमें लिखा है कि भारत की आत्मा को बचाने के लिए खड़े होने पर सभी दिल्लीवासियों का धन्यवाद। इस ट्वीट में भी इशारा भारत का है। यानी अभी तो भारत की आत्मा को बचा लिया गया है, लेकिन आने वाले समय में पूरे भारत को बचाना है। वैसे भी प्रशांत किशोर को जेडीयू से निकाला ही जा चुका है, वो खाली भी हैं तो इससे बेहतर कोई विकल्प हो भी नहीं सकता। अरविंद केजरीवाल की राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री हो जाएगी और प्रशांत किशोर को भी एक क्रांतिकारी मिल जाएगा जो किसी भी हालत में मोदी से हाथ नहीं मिलाएगा।
4- टीवी चैनलों पर प्रवक्ता-कार्यकर्ता भी यही कह रहे हैं
ऐसा नहीं है कि राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री करने की मंशा सिर्फ केजरीवाल और प्रशांत किशोर की है। उनके अलावा पार्टी के बाकी नेता, प्रवक्ता, कार्यकर्ता भी यही चाहते हैं। कुछ समर्थक तो आम आदमी पार्टी के मुख्यालय के पास हाथों में ऐसे पोस्टर लिए भी खड़े दिखे, जिस पर लिखा था कि 2024 में अरविंद केजरीवाल बनाम नरेंद्र मोदी। यानी वो चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल अब प्रधानमंत्री का चुनाव भी लड़ें। वहीं तमाम टीवी चैनलों पर जा रहे आम आदमी के प्रवक्ता बार-बार इस बात पर जोर देते दिख रहे हैं कि राष्ट्र निर्माण करना है। वो ये जताने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी सरकार के राज में राष्ट्र निर्माण नहीं हो पा रहा है।
5- सोशल मीडिया पर भी उभरी चाहत
डिजिटल इंडिया के जमाने में सोशल मीडिया को किसी भी मामले में छोड़ा नहीं जा सकता है। सोशल मीडिया पर भी कई लोग ये कहते दिख रहे हैं कि वो चाहते हैं अरविंद केजरीवाल अब प्रधानमंत्री का चुनाव लड़ें। लोगों ने भी उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कहा है। इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर के बायो में भी राष्ट्र निर्माण की ही बात लिखी है। उन्होंने लिखा है कि सब इंसान बराबर हैं, चाहे वो किसी धर्म या जाति के हों। हमें ऐसा भारत बनाना है जहां सभी धर्म और जाति के लोगों में भाईचारा और मोहब्बत हो, न कि नफरत और बैर हो। साफ है कि वो नेशनल पॉलिटिक्स में एंट्री करने की सोच रहे हैं, वो भी पूरी तैयारी के साथ।