जिस तरह से रोज बलात्कार की वारदातें सामने आ रही है, ऐसे में साफ दिखता है कि अब इसका वजन काफी कम हो गया है। दिन में न जानें कितनी खबरें रेप से जुड़ी हुई आती हैं, सालों से ये माहौल बना हुआ है। जो दिखाता है कि हमारा देश बलात्कार को लेकर कितना संवेदनशील है। हैरानी की बात तो ये है कि लोगों को इन खबरों से अब कुछ फर्क नहीं पड़ता है, रोज का हिस्सा सा बन गया है। हां ये अलग बात है कि जब कोई जघन्य अपराध सामने आता है तो लोगों में 2 दिन का गुस्सा आ जाता है। लेकिन फिर ये माहौल ठंडा पड़ जाता है और सरकार से लेकर कानून तक नींद में सो जाता है। तेलंगाना एनकाउंटर भी हो जाता है लेकिन माहौल अभी भी ठंडा है।
हमें आदत हो गई है
ये कड़वी सच्चाई है कि रोज के अखबार में आपको रेप की खबरें जरूर मिलेंगी। 8 महीने की लड़की से लेकर 80 साल तक की महिला का रेप हमारे देश में हो चुका हैं। ये भी आम बात हो गई है कि अब अगर किसी 2 साल की बच्ची के रेप की खबर हम पड़ते हैं, तो हैरानी नहीं होती है। ये इसलिए नहीं कि अब हमारे दिल पत्थर के हो गए हैं, लेकिन अब इसकी लोगों ने आदत डाल ली है।
एक दिन सुबह तेलंगाना में लड़की के साथ हुए रेप के आरोपियों को पुलिस के द्वारा एनकाउंटर में मार दिया जाता है। लेकिन अगले ही दिन उन्नाव की एक रेप पीड़िता की मौत हो जाती है। उसके आरोपियों ने उसे जला दिया था और वो दिल्ली में दम तोड़ देती है। इन दोनों मामलों में खूब हल्ला मचता है। ठीक वैसा ही जैसा साल 2012 में निर्भया रेप केस के दौरान मचा था। लेकिन 7 साल के बाद भी कुछ नहीं बदला है, न रेप कम हुए और न ही लोगों की मानसिकता में फर्क आया। इतना हंगामा हो रहा है लेकिन फिर महिलाओं के साथ अत्याचार नहीं रुक रहे हैं। उन्नाव में ही एक 3 साल की बच्ची से रेप करने की कोशिश की गई है।
बिहार के दरभंगा में 5 साल की बच्ची के साथ ऑटो ड्राइवर ने रेप किया और उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मध्य प्रदेश के दमोह में एक लड़की अपने गांव के ही कुछ लड़कों की छेड़खानी से परेशान हो गई और आत्महत्या कर ली। केरल को कोट्टायम जिले में नाबालिग बच्ची के साथ पानी मांगने के बहाने से एक शख्स ने रेप किया। कोलकाता में 6 साल की बच्ची को बाथरूम में बंदकर रेप करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया है कि इस मामले में एक 19 साल के शख्स को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली के रोहिणी से खबर आई कि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और बहू की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी। क्योंकि उसे दोनों के अवैध संबंध होने का शक था।
डर के साए में जीती है एक लड़की
ये सबकुछ सिर्फ एक ही दिन में हुआ है। आप सोचिये कि इतनी बेरहमी उस वक्त हो रही है जब पूरे देश में महिलाएं सड़कों पर हैं। लोगों के अंदर गुस्सा है, राज्य सरकारों से लेकर केंद्र सरकार तक अपना मुंह छिपाती फिर रही हैं। लेकिन ये घटनाएं बड़ी संख्या में हो रही है। ये सब कुछ तब हुआ है जब तेलंगाना एनकाउंटर हुआ है और लोगों को उम्मीद थी कि इससे शायद कुछ अपराध कम होगा। लेकिन ये कम तो नहीं हुआ बल्कि अब तो ज्यादा नजरों में आने लगे हैं।
कुछ ऐसा ही गुजरता है एक महिला का आम दिन, छेड़खानी तो उसके लिए आम बात है। वो खुश होती होगी जिस दिन किसी लड़के ने उसे गलत निगाहों से देखा न हो। वो दुआ करती होगी कि बस जिंदा और बिना रेप के घर पहुंच जाउं। लड़की किसी भी उम्र की, जाति, धर्म, रंग, क्षेत्र की है वो असुरक्षित ही महसूस करती है। अब तो यूएस और यूके की महिलाओं के लिए भी वहां की सरकारों ने एडवाइजरी जारी कर दी है। क्योंकि एक लड़की नहीं जानती की वो कब किस हैवान का शिकार हो जाए। उसका हर दिन डर के साए में गुजरता है।