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ट्रम्प कॉपी ना कर लें गुजरात का विकास मॉडल, इसीलिए सरकार ने बनाई दीवार

नई दिल्ली: बिना कुछ सोचे समझे सरकार की बुराई करने वाले एक बार फिर से फेल हो गए. एक बार फिर वो सरकार के मास्टर गेम प्लान को समझ नहीं पाए. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत आ रहे हैं और अहमदाबाद में वो जहाँ से गुजरेंगे वहां पर दीवारें बनवा दी गई है ताकि झुन्गियाँ ना दिख सके. जबकि वो इसीलिए नहीं बल्कि एक बड़े उद्देश्य से किया गया है.

कॉपी ना हो विकास मॉडल– जब सब कहने लगे कि देश की गरीबी को छिपाने के लिए सडकों के किनारे दीवार बनाई जा रही है तो लोग सरकार को ट्रोल करने लगे. यह मामला इतना बढ़ गया की सरकार के प्रवक्ता चम्पकलाल जेठालाल गड़ा को खुद सामने आना पड़ा. उन्होंने कहा कि “देखिए मैं समझाता हूँ की आखिर ऐसा क्यूँ हुआ. ये गोरे हमेशा से हमारे यहाँ से ज्ञान चुराकर ले गए हैं और फिर अपने नाम का पेटेंट करवाकर उसे दिखाया है. अब हमने गुजरात में इतना विकास कर दिया ही और ऐसी-ऐसी चीजे लगाईं है की अगर ट्रम्प ने देख लिया तो उसे अमेरिका में लगवा देंगे. ऐसे में हमारा ज्ञान एक बार फिर गोरे लोगों के हाथों  बिक जाएगा. लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. एतिहासिक विकास और बड़ी टेक्नोलॉजी को छिपाने के लिए ये दीवारें बनाई जा रही हैं. विकास तय गति से अधिक स्पीड से भाग गया है इसीलिए हमें ऐसा करना पड़ा नहीं तो नहीं करते”. इतना कहकर जेठालाल वहां से उठकर चले गए.

दीवार प्रेम नहीं– कुछ लोगों का कहना था कि “ट्रम्प भी बच्चन के बहुत बड़े फैन हैं और दीवार फिल्म उनकी पसंदीदा रही है. उन्हें फिल्म का “क्या है तुम्हारे पास” वाला डायलाग भी बहुत पसंद है. इसीलिए उनके चारों तरफ दीवार बनाई गई है. लेकिन जेठालाल ने इसका भी खंडन किया और कहा ऐसी कोई बात नहीं है चिल मारिए.

तो भाईओं समझें की आखिर मोदी जी दीवार क्यूँ बनवा रहे हैं. एतिहासिक विकास और शानदार टेक्निक अगर ट्रम्प की नजरों में आ गई तो वो भी उसे कॉपी करके अमेरिका को विश्वगुरु बना देगा इसीलिए हमनें छिपा दी है. अब आपको सरकार की हर एक बात का मजाक बनाना है तो क्यों ही आप मानोगे मेरी बात को.

ठीक है चलो, इसको पढ़ लिया है तो इसे इतना शेयर करो की यह ट्रम्प के पस पहुँच जाए और उसे असलियत पता चल सके.