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अखिलेश-योगी! आप भी जनता की तरह UP के बेहतरीन अस्पतालों में कराएं इलाज?

Logic Taranjeet 15 April 2021
अखिलेश-योगी! आप भी जनता की तरह UP के बेहतरीन अस्पतालों में कराएं इलाज?

कोरोना वायरस ने इस वक्त सबके छक्के छुड़ा रखे हैं। इस वायरस की चपेट में रोज लाखों लोग आ रहे हैं। अब तो आलम ये हो गया है कि बड़े-बड़े दिग्गज नेता भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं। यूपी में अगर देखें तो वहां पर सरकार और विपक्ष दोनों ही कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। जी हां राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड-19 वायरस से संक्रमित हुए और फिर समाजवादी पार्टी के मुखिया और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं।

अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं है जगह

कोरोना वायरस का हाल ये हो चुका है कि जो लोग चुनाव में अच्छे अस्पतालों का दावा कर चुनाव जीतते थे वो भी फेल हो गए हैं तो इन दोनों नेताओं ने तो सिर्फ हिंदू-मुसलमान, दलित-स्वर्ण, शमशान-कब्रिस्तान की राजनीति की है। फिर उत्तर प्रदेश में क्या हाल हो रहा होगा आप सोच सकते हैं। लखनऊ जैसे शहर में लोगों को इलाज तो छोड़िये अंतिम संस्कार तक के लिए जगह नहीं मिल रही है। हाल ये हो रहा है कि अधजली लाशों के ऊपर ही दूसरी लाश को रख दिया जा रहा है।

एक-एक बेड के लिए हो रही है मारामारी

अब सोचिये मरीजों का इलाज के लिए क्या हाल हो रहा होगा? एक-एक बेड के लिए मारामारी हो रही है। मरीजों से बेड फुल है, अस्पतालों के बरामदों तक में जीवन की भीख मांग रहे हैं लोग। कहीं पर भी वेटिलेटर नहीं है, परिजनों को अपना मरीज मिल नहीं रहा है। अब ऐसे में जो हाल आम जनता का हो रहा है क्या वही हाल इन दोनों नेताओं का भी होगा?

क्या ये दोनों नेता इन अस्पतालों में जाकर अपना इलाज करवाएंगे? क्या योगी आदित्यनाथ अपना इलाज बरामदे में करवाएंगे? क्या अखिलेश यादव अपने इलाज के लिए घंटों लाइन में लगेंगे? जवाब यकीनन ना है क्योंकि एक विपक्षी नेता है और एक तो खुद सरकार है। यूपी की सरकार कोरोना से लड़ने के लिए धरातल पर कोई ठोस काम करने की बजाय डींगे हांकने में ही व्यस्त है और राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ चुनावी राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त है।

अखिलेश ने भी अस्पतालों के लिए कुछ नहीं किया

ऐसा नहीं है कि इसके लिए सिर्फ योगी आदित्यनाथ को ही जिम्मेदार ठहराया जाए। इससे पहले समाजवादी पार्टी का भी अच्छा खासा राज है, वहां से भी स्वास्थ्य को कोई खास जगह नहीं मिली है। लेकिन जिस सरकार बहादुर को लोगों ने सत्ता में पहुंचाया उसका तो अपने राज्य में महामारी के दौरान रहना ही नसीब नहीं हो रहा है।

जहां राज्य में कोरोना वायरस इतना ज्यादा फैल चुका है कि योगी और अखिलेश दोनों ही संक्रमित हो गए हैं। ऐसे में राज्य में चुनाव भी जरूरी है। जी हां दरअसल सरकारों का मानना है कि चुनावी राज्यों में कोरोना वायरस नहीं फैलता है। तभी तो बंगाल में देखिये ना इतनी भीड़ है कोई कोरोना फैला वहीं अब जब यूपी में भी 20 हजार से ज्यादा रोज के संक्रमण हो रहे हैं तो सूबे में पंचायती चुनाव करवाए जा रहे हैं, जिससे कोरोना में रोक लगेगी।

क्या नेता करवाएंगे अस्पतालों में आम जनता की तरह इलाज

खैर नेताओं की बात करें तो इनके लिए तो पूरी डॉक्टरों की टीम घर पर ही आ कर बस जाएगी। योगी आदित्यनाथ को तो जल्दी से ठीक करना होगा क्योंकि वो तो स्टार प्रचारक है। बंगाल में हिंदूओं को लुभाने के लिए आगे रखना है उन्हें। फिर चाहे सूबे में कोरोना की वजह से अस्पताल ठप हो जाए, इन्हें क्या फर्क पड़ता है।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.