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अमेरिका में बाइडेन की जित से आखिर भारत को क्या असर होगा ?

बाइडेन ने भारत और अमेरिका परमाणु समझौते के पारित होने में भी अहम भूमिका निभायी थी। जब बराक ओबामा भी इस मामले में संकोच कर रहे थे
Logic Taranjeet 10 November 2020
अमेरिका में बाइडेन की जित से आखिर भारत को क्या असर होगा ?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में एक कड़े मुकाबले के बाद आखिरकार ट्रंप के राज का खात्मा हुआ है और 77 साल के डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन ने जीत हासिल कर ली है। अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव भारत के लिए काफी अहम होता है, क्योंकि अमेरिका में होने वाले हर कदम का असर भारत पर सीधा पड़ता है। बाइडेन और ट्रंप के बीच में हो रहे मुकाबले पर भी भारतीयों की पूरी नजरें टिकी हुई थी। बाइडेन के लिए कहा जा रहा है कि वो भारत के हिमायती है। उनके राष्ट्रपति चुने जाने के बाद भारत-अमेरिकी संबंधों के और भी ज्यादा मजबूत होने की संभावना है क्योंकि बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान बाइडेन 8 साल तक उप राष्ट्रपति रहे हैं और उस कार्यकाल में भारत के साथ मजबूत संबंधों के पक्षधर भी रहे हैं।

उप राष्ट्रपति रहते वक्त भी रहे हैं हिमायती

चुनाव अभियान के दौरान भी बाइडेन ने बतौर उप राष्ट्रपति अपने कार्यकाल को याद करते हुए भारत से संबंधों को और मजबूत किए जाने का जिक्र कई बार किया है। उन्होंने कहा था कि अगर वो राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते उनकी प्राथमिकता रहेगी। बाइडेन ने भारत और अमेरिका परमाणु समझौते के पारित होने में भी अहम भूमिका निभायी थी। जब बराक ओबामा भी इस मामले में संकोच कर रहे थे, तब बाइडेन ने डेमोक्रेट और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के सांसदों से बात कर अमेरिकी कांग्रेस से 2008 में भारत और अमेरिका परमाणु समझौते को पास कराने में भूमिका निभाई थी। भारतीय राजनेताओं से मजबूत संबंध रखने वाले बाइडेन के दायरे में काफी संख्या में भारतीय और अमेरिकी भी हैं।

उप राष्ट्रपति बनने से पहले साल 2006 में उन्होंने अमेरिका और भारत के संबंधों पर अपना दृष्टिकोण साफ किया था और कहा था कि मेरा सपना है कि 2020 में, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया के दो सबसे करीबी देश होंगे। डेलावेयर राज्य में लगभग तीन दशकों तक सीनेटर रहने वाले बाइडेन हमेशा ही भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने के हिमायती रहे है। चुनाव के लिए कोष जुटाने के एक अभियान के दौरान जुलाई में बाइडेन ने कहा था कि भारत और अमेरिका प्राकृतिक साझेदार हैं।

एच1बी वीजा पर लगे निलंबन को कर देंगे खत्म

वहीं इसी साल जुलाई में ही उन्होंने कहा था कि अगर वो नवंबर में राष्ट्रपति का चुनाव जीतते हैं, तो वो भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय एच-1बी वीजा पर लागू अस्थायी निलंबन को खत्म कर देंगे। अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के साथ ही वहां पर नौकरी या स्थायी नागरिकता का सपना देख रहे भारतीयों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की एच1बी (H1B) वीजा और ग्रीन कार्ड योजना से हजारों भारतीयों को काफी फायदा होगा। हर साल एच1बी वीजा का 70 फीसदी कोटा भारतीयों के खाते में ही जाता रहा है। आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के सय में भारतीय आईटी पेशेवरों को एक बड़ा झटका देते हुए एच-1बी वीजा और अन्य विदेशी कार्य वीजा को 2020 के अंत तक निलंबित कर दिया था। चुनावी साल में अमेरिकी कामगारों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया गया।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में देंगे साथ!

वहीं आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में भी बराक ओबामा और बाइडेन ने अपने पूर्व कार्यकाल में भारत के साथ काफी सहयोगात्मक रुख अपनाया था। राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान भी बाइडेन के विजन डॉक्यूमेंट में इसका उल्लेख करते हुए कहा गया है कि उनका मानना ​​है कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद के लिए कोई सहिष्णुता नहीं हो सकती है। वहीं चीन के साथ भी भारत के जो हाल के दिनों में रिश्ते हैं, उसपर भी अब जो बाइडेन का रुख देखना काफी अहम होगा।

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A writer, poet, artist, anchor and journalist.