पश्चिम बंगाल (West Bengal)का चुनावी मैदान पूरी तरह से तैयार है, सत्ताधारी टीएमसी (Ruling TMC)और भाजपा के बीच में सीधी टक्कर हो रही है। भाजपा ने जहां एक तरफ लव जिहाद, गुंडागर्दी, घुसपैठ और भाई-भतीजावाद के मुद्दें बनाएं हैं। तो वहीं टीएमसी ने महिला शक्ति और महंगाई को टारगेट किया है। खुद सीएम ममता बनर्जी महिलाओं का नेतृत्व कर मार्च निकाल रही हैं, साथ ही भाजपा को भी महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर घेरा जा रहा है।
महिलाओं के जरिए ममता का भाजपा को जवाब
भाजपा के सामने ममता बनर्जी दीवार बनी खड़ी हैं। ममता बनर्जी चुनाव से कई हफ्ते पहले ही महिलाओं को अपने पक्ष में जुटाने की कोशिश शुरू कर चुकी है। ममता के हर चुनावी भाषण में महिलाओं का जिक्र होता है और अब उन्होंने इसे लेकर भाजपा पर भी हमला बोलना शुरू कर दिया है। अब महिला दिवस कै मौके पर ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी में एक बड़ा मार्च निकाला। जिसमें पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों और एलपीजी के दामों को लेकर निकाले गए इस मार्च में सैकड़ों की तादात में महिलाएं मौजूद रहीं। जिस वक्त ममता का ये मार्च चल रहा था, ठीक उसी वक्त कोलकाता में पीएम मोदी उन पर हमला बोल रहे थे।
महिला दिवस के मौके पर सीएम ममता ने महिलाओं की एक बड़ी रैली निकाली। कोलकाता में मोदी सरकार के खिलाफ निकाली गई इस रैली में भी भारी संख्या में नारी शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिला। इस प्रदर्शन में गैस सिलिंडर की बढ़ी कीमतों को जोर-शोर से उठाया गया, जो हर महिला की रसोई का एक अहम हिस्सा है। ममता ने इसे लेकर पीएम मोदी की उज्ज्वला योजना पर तंज भी कसा और कहा कि अब कहां गई वो उज्ज्वला की रौशनी? कैग रिपोर्ट में कहा गया कि उज्ज्वला में घोटाला हुआ है। भारत सिर्फ एक सिंडिकेट को जानता है, वो है- नरेंद्र मोदी और अमित शाह सिंडिकेट, नहीं चाहिए महिला सुरक्षा का गुजरात मॉडल।
इतना ही नहीं है, ममता महिलाओं के ही मुद्दे पर भाजपा को घेरने में जुटी है। इसके लिए भाजपा शासित प्रदेशों का हवाला देना शुरू किया है। ममता ने सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेता पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा की बात करते हैं, लेकिन हमें महिला सुरक्षा का गुजरात मॉडल नहीं चाहिए, मोदी के गुंडे नहीं चाहिए। बंगाल में महिलाओं सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी के आरोपों पर ममता बनर्जी ने जवाब देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाएं सुरक्षित हैं, लेकिन यूपी और बिहार में महिलाओं की स्थिति खराब है।
बंगाल की बेटी का नारा
सबसे पहले ममता बनर्जी ने खुद को बंगाल की बेटी के तौर पर लोगों के सामने पेश किया। उन्होंने अपनी कई जनसभाओं में कहा कि वो बंगाल की बेटी हैं और जनता उनके साथ खड़ी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में ममता के कई बड़े पोस्टरों पर बंगाल की बेटी लिखा हुआ है। तो कुल मिलाकर ममता बनर्जी अब बंगाल की बेटी वाली बहस में भाजपा को फंसाना चाहती है। इसमें कुछ हद तक वो कामयाब भी रही हैं क्योंकि भाजपा के तमाम नेता अब इसमें वाकई में उलझ पड़े हैं, वो ममता बनर्जी को अभिषेक बनर्जी के चलते बेटी नहीं बुआ बुला रहे हैं।
यहां तक कि ब्रिगेड परेड ग्राउंड (Brigade Parade Ground) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके इस बयान पर जवाब दिया और कहा कि ममता दीदी आप बंगाल की ही नहीं पूरे देश की बेटी हैं। लेकिन इससे कहीं न कहीं फायदा ममता को होता दिख रहा है, क्योंकि ममता ने बतौर महिला खुद को जनता के सामने पेश किया है और जब-जब भाजपा इस मुद्दे पर उन्हें घेरने की कोशिश करती है, ममता का ही प्रचार ज्यादा होता है।