लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा हो चुकी है। निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ सर्वे का दौर भी शुरु हो चुका है। देश और दुनिया की निगाहें अब चुनाव परिणामों पर टिक गई है। लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही हमारे लोगों ने भी सर्वे किया।
दर्जन भर फ्रीलांस पत्रकारों के समूह ने करीब 5000 लोगों से इस संबंध में चर्चा की और तब जाकर हमने यह निष्कर्ष निकाला। ये पूरी तरह से ज़मीनी सर्वे है और समाज के अलग अलग वर्ग के लोगों के साथ चर्चा पर आधारित है।
लोगों से बातचीत की। मोदी सरकार के कामकाज और 2014 में किए हुए उनके वायदों पर उनकी राय जानी। ऐसे में जो परिणाम निकल कर आए, हम उन्हें आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।
भाजपा के लिए अच्छी खबर
हमारे लोगों ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर हर वर्ग की राय जानी। इनमें शहरी वर्ग, अर्ध शहरी वर्ग, ग्रामीण वर्ग, मजदूर वर्ग, हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, दलित, आदिवासी, दुकानदार, प्रोफेशनल आदि सभी शामिल है। इस आधार पर जो सबसे बड़ा परिणाम निकल कर सामने आया, वो यह था कि सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर भारतीय जनता पार्टी ही उभर रही है। भारतीय जनता पार्टी को शहरी, अर्ध शहरी वर्ग के अलावा हिंदूवादी वोटरों का बड़ा समर्थन मिल रहा है।
विशेष तौर पर सवर्ण और वैश्य मतदाता पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में गोलबंद हैं। कुछेक हिस्से को छोड़ दे तो ओबीसी वोटों का सर्वाधिक हिस्सा भी भाजपा के साथ जाता हुआ दिख रहा है।
अल्पसंख्यक और दलितों का वोट होगा विभाजित
अल्पसंख्यक वोटरों की बात करें तो ये कभी भी भाजपा के साथ नहीं जाते लेकिन एकजुट होकर किसी भी पार्टी को समर्थन भी नहीं करते।
अल्पसंख्यक देश के कुछ हिस्सों में कांग्रेस को समर्थन करेगा तो कहीं समाजवादी पार्टी को तो कहीं ममता बनर्जी को तो कहीं अरविंद केजरीवाल को तो कहीं चंद्रशेखर राव को।
इस चक्कर में अल्पसंख्यक वोटों का महत्व भारतीय राजनीति में खत्म होता जा रहा है क्योंकि अल्पवसंख्यक वोट प्रसाद की तरह छोटे छोटे हिस्सों में बंट कर अपना वजूद खोता जा रहा है।
बात करें दलितों की तो ये वर्ग पिछले लोकसभा चुनाव में काफी हद तक भाजपा और एनडीए के साथ खड़ा था, आज माहौल बदला है। दलित वर्ग भाजपा के विरुद्ध वोटिंग कर सकता है लेकिन ये भी वर्ग किसी एक दल के साथ नहीं खड़ा है।भाजपा के लिए यह बढ़िया खबर यह है कि उनका Anti Voter कई हिस्सों मेंं बंट गया है।
किस पार्टी को कितनी सीटें
अगर लोगों के विचारों को सीटों के हिसाब से कनवर्ट करते हैं तो यह साफ हो जाता है कि देश की जनता नरेंद्र मोदी से सत्ता छीन सकती है। भाजपा और एनडीए बहुमत से दूर हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस के साथ भी जनादेश जाता हुआ नहीं दिख रहा है।
सीटों का आंकलन
हमारे सर्वे के हिसाब से सीटों का आंकलन हम इस तरह से कर सकते हैं।
एनडीए : 220
यूपीए : 180
अन्य : 143
एनडीए में भारतीय जनता पार्टी के अलावा जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति पार्टी, अपना दल, शिवसेना, अकाली दल, एआईडीएमके शामिल है जबकि यूपीए का चेहरा अभी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है। अभी इसमें कांग्रेस, राजद, डीएमके, एनसीपी, झामुमो, जेडीएस ही शामिल है। वहीं अन्य में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, टीआएस, टीडीपी जैसी पार्टियां शिमल हैं।