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क्यों 5 महीनों में ही कांग्रेस के हाथ से फिसल रहे हैं 3 राज्य

कुछ ही वक्त पहले बीजेपी के हाथों से 3 राज्य छीनकर कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई थी। ये 3 राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ थे, जो कि बीजेपी के बड़े राज्यों मे से एक रहे हैं। इन राज्यों में से मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ में बीजेपी 15 सालों से सत्ता में थी। लेकिन कुछ ही महीनों में कांग्रेस पार्टी इन तीनों राज्यों में फिर से कमजोर होती हुई नजर आ रही है। बेशक लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पहले से ज्यादा मजबूत लग रही है, लेकिन इन तीनों राज्यों में बीजेपी दोबारा से मजबूत आधार बनाती दिख रही है।

इसके कई कारण हैं, एक तो विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग-अलग मुद्दों पर लड़ा जाना है। दूसरा छत्तीसगढ़ के अलावा दोनों राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर हुई थी। ऐसे में बीजेपी कुछ ही विधायक कम रह गई थी। राजनीतिक विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि कांग्रेस को राज्यों में आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है। ऐसे में राज्य वाले प्रदर्शन की उम्मीद रखना गलत होगा।

बीजेपी की सक्रियता

विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ जो सत्ता विरोधी लहर थी वो लोकसभा चुनाव में कमजोर नजर आ रही है। कांग्रेस को मिल रही चुनौती के पीछे एक बड़ा कारण ये भी है। राजस्थान में तो एक नारा भी काफी मशहूर हुआ था – मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुधंरा तेरी खैर नहीं। बीजेपी इस नारे के जरिए सारा आक्रोश वसुंधरा राजे की तरफ करने में कामयाब रही है। इसके अलावा विधानसभा के नतीजे आने के बाद पार्टी और संघ की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर माहौल बनाना शुरू कर दिया था। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी कार्यकर्ताओं को दिसंबर से ही चुनावी तैयारियों में लगने के लिए कह दिया था।

कांग्रेस की चुनौतियां

कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी 6 महीने से कम समय में बीजेपी के संगठन को हिलाना। फिर कांग्रेस के कई बड़े नेता जो कुछ समय पहले तक सीएम की रेस में थे, वो किसी न किसी वजह से अपने राज्यों में ज्यादा रुचि और समय नहीं दे पा रहे हैं। ये बात राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में मानी जा रही है। सिंधिया अपने लोकसभा चुनाव और यूपी के प्रभार के चलते एमपी से दूर हैं।

वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ का भी सारा ध्यान छिंदवाड़ा पर है, क्योंकि वहां से उनके बेटे नकुल नाथ चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं राजस्थान में अशोक गहलोत ने चुनाव की कमान अपने हाथ में ले रखी है और उनके बेटे वैभव गहलोत भी जोधपुर से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।