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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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वाह रे मेरी सरकार ! देश की रक्षा के लिए मंथन अब बम ब्लास्ट की आरोपी करेंगी

मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर पहले तो लोकतंत्र के मंदिर यानी की संसद में जा पहुंची। अब तो वो रक्षा मंत्रालय तक जा पहुंची।
Blog Taranjeet 22 November 2019

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को चीख-चीखकर देशभक्त बताने वाली महिला और मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर पहले तो लोकतंत्र के मंदिर यानी की संसद में जा पहुंची। अब तो वो रक्षा मंत्रालय तक जा पहुंची। ऐसा कहां होता है कि जिस व्यक्ति पर बम ब्लास्ट के आरोप है यानी कि जिस पर आतंकवाद के आरोप है, वो रक्षा मंत्रालय तक पहुंच गई है। प्रज्ञा ठाकुर भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद तो है ही लेकिन अब वो एक और जिम्मेदारी से नवाजी गई है। उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति में शामिल किया गया है।

बम ब्लास्ट के आरोपी करेंगे मंथन

यानी की अब वो इंसान देश की रक्षा के लिए काम करेगा जो कि आतंकवाद के आरोपों में घिरा हुआ है। बम ब्लास्ट का आरोपी देश के रक्षा मंत्रालय का सलाहकार बन गया है। धन्य हो सरकार ! 543 सांसदों में से मोदी जी को कोई और सांसद मिला ही नहीं, इस संसद में पूर्व आर्मी अधिकारी भी है। लेकिन मोदी जी की सरकार में तो आतंकवाद के आरोपियों को जगह मिलती है। वो भी तब जब मोदी जी ने एक बार कहा था कि वो कभी भी प्रज्ञा ठाकुर को माफ नहीं करेंगे। अगर माफ न करने के बावजूद उन्हें रक्षा मंत्रालय में सलाहकार बनाया जाता है, तो जरा सोचिए कि अगर माफ कर दिया होता तो फिर क्या होता? इस सरकार में बहुत कुछ ऐसा होता है जिसके बारे में सुनकर लगता है कि ऐसा कहां होता है? जैसे आतंकवाद की आरोपी रक्षा सलाहकार, जो शख्स कभी तड़ीपार कहा गया था वो गृहमंत्री, 12वीं भी जो पास नहीं थी वो शिक्षा मंत्री भी रही है। मंत्रालय के नाम पर लंगर सा बंटता है।

खैर पुरानी बातों में कुछ नहीं रखा, अभी की बात करते हैं। तो जो कमेटी बनाई गई है, उसकी अध्यक्षता खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करने वाले हैं। इसमें कुल 21 सदस्य है। और सबसे अहम तो प्रज्ञा ठाकुर है। जिन्होंने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था, उस दौरान खूब हल्ला मचा था। भारतीय जनता पार्टी की काफी किरकिरी भी हुई थी। जिसके बाद एक मजबूरी के नाम पर प्रज्ञा को कारण बताओ नोटिस थमा दिया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी काफी सख्त थे, उन्होंने खुद कहा था कि वो कभी प्रज्ञा ठाकुर को मन से माफ नहीं कर पाएंगे। मोदी साहब कहते थे कि गांधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए हैं वो बहुत खराब है और समाज के लिए बहुत गलत हैं। ये अलग बात है कि उन्होंने माफी मांग ली, लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ नहीं कर पाऊंगा।

विपक्ष हमलावर

वहीं इस बार फिर से विपक्षी नेता और सोशल मीडिया पर हमला हो रहा है। लेकिन मेनस्ट्रीम मीडिया चुप है। सवाल पूछा जा रहा है कि क्या प्रज्ञा ठाकुर की बहकी हुई जुबान इनाम का सबब बनी है। अब एक बात और समझने की कोशिश करते हैं कि जब बीजेपी के पास 300 से ज्यादा सांसद हैं तो क्या उन्हें इस समिति के लिए प्रज्ञा ठाकुर से बेहतर कोई नहीं मिला था? पूछा जा रहा है कि क्या कोई ऐसा नहीं मिला जिसकी छवि साफ हो, धार्मिक कट्टरवाद से ग्रस्त तो न हो। इस पर कांग्रेस का कहना है कि प्रज्ञा ठाकुर को इनाम दिया गया है। साथ ही कांग्रेस ने ये भी कहा कि ये फैसला साफ करता है कि नाथूराम गोडसे के भक्तों के लिए ये अच्छे दिन हैं। वहीं वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कि क्या एक आतंकी हमले की आरोपी देश के रक्षा मामलों के फैसले लेने के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार है। वहीं एक आवाज ये भी उठी की फारूक अब्दुल्ला, उमर अबदुल्ला, महबूबा मुफ्ती को घर में नजरबंद करके रखा गया है, लेकिन एक आतंकी हमले की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर, जो जमानत पर बाहर हैं उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति में शामिल किया जाता है।

आपको याद दिला दें कि ये वही प्रज्ञा ठाकुर हैं जिन्होंने 26/11 के मुंबई हमले में शहीद पुलिस ऑफिसर हेमंत करकरे की शहादत तक के खिलाफ भी बयान दिया था। अब किसी देश भक्त का खून नहीं खोलता, क्या एक शहीद की बेइज्जती करने वाली सांसद रक्षा मंत्रालय में रहने लायक है। भक्त से लेकर मीडिया तक इस बात के लिए सरकार का बचाव करने में लगा है। लेकिन कोई ये जवाब नहीं दे रहा कि क्या 300 सांसदों में बीजेपी के पास कोई बेहतर सांसद नहीं था?

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.