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करोड़ों का बिजनेस रोक कर इंसानों को दे रहे हैं जिंदगी वो भी मात्र 1 रुपये में

देश इस वक्त हर तरह से परेशानी झेल रहा है, जहां एक तरफ महामारी का डंक रोज परेशान कर रहा है। जिंदा होने के लिए रोजाना खुदा को शुक्रिया कर रहे हैं लोग तो वहीं कुछ लोग इस महामारी के वक्त में भी अपने गलत मंसूबों और लालच की वजह से लोगों को परेशान कर रहे हैं। जहां लोग अपने स्वार्थ के लिए कालाबाजारी, मुनाफाखोरी कर रहे हैं। तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पूरे जी जान स लोगों की मदद कर रहे हैं। इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं। बुरे लोगों के काले कामों के सामने ये लोग अंधेरे में दीये जैस हैं। ऐसे में एक शख्स हैं योगेश अग्रवाल, जो कि रिमझिम इस्पात लिमिटड के सीएमडी है। इस महामारी के दौर में वो अपने हमीरपुर स्थित स्टील प्लांट के उत्पादन को कम कर लोगों की मदद कर रहे हैं।

50 कर्मचारी कर रहे हैं मदद

वो रोजाना अपन प्लांट के जरिये 2500 ऑक्सिजन सिलिंडर की मदद कर रहे हैं। इस काम के लिए वो सिर्फ लोगों स 1 रुपया ले रहे हैं। जहां हालात रोज खराब होते जा रहे हैं, तो वहां इस संकट को समझते हुए योगेश ने अपने प्लांट में स्टील उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन जरूरतमंद तक पहुंचाने के काम में लग गए। उन्होंने इस काम के लिए करोड़ों रुपये का खर्चा कर कंप्रेसर और बाकी मशीनें भी लगवाईं, उन्होंने पहले दिन 500 सिलिंडरों में ऑक्सीजन भरी और इसके लिए 50 कर्मचारियों ने उनकी मदद की थी। जब मांग बढ़ी तो योगेश ने स्टील उत्पादन कम कर दी।

योगेश का कहना है कि वो एक रुपये का बिल देते हैं ताकि उनके सिलिंडर को रास्ते में कोई रोक नहीं। इसलिए वो सिर्फ एक रुपये का सांकेतिक बिल बना कर देते हैं। फिलहाल उनकी ऑक्सीजन कानपुर, लखनऊ, बुंदेलखंद में प्राथमिकता से दी जाती है। वहीं यूपी, एमपी में भी उनके सिलिंडर भेजे जा रहे हैं। अपने कर्मचारियों को वो इस नेक काम के लिए प्रोत्साहन राशि भी दे रहे हैं, ताकि कर्मचारी ज्यादा मन से काम करें।

17 अप्रैल से कर रहे हैं ये काम

योगेश कहते हैं पूरे देश में उन्होंने टीवी चैनल अखबार और सोशल मीडिया के माध्यम से ऑक्सीजन की किल्लत के बारे में सुना तो उनके दिमाग में सबसे पहले यही आया कि क्यों ना अपने यूनिट की ऑक्सीजन को जरूरतमंदों के नाम कर दिया जाए। वो कहते हैं इसको सोचने और फिर लागू करने में उनको कुछ सेकंड का ही वक्त लगा था। योगेश अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे रोहित और अपनी बेटी गरिमा से बात की और तय किया कि सभी जरूरतमंद अस्पतालों और जरूरतमंद मरीजों को उनके प्लांट से ऑक्सीजन दी जाएगी। इसके बाद से वो 17 अप्रैल से उन्होंने ये काम शुरु कर दिया।

पूरे यूपी को दे सकते हैं ऑक्सीजन

उनका कहना है मानवता की सेवा से बढ़कर कुछ नहीं होता है। आज पूरे देश में जिस तरीके से ऑक्सीजन की किल्लत है और लोग ऑक्सीजन न मिलने पर अपनों को खो रहे हैं ऐसे में उन्होंने अपना दायित्व समझा की वो सबकी मदद करें। योगेश अग्रवाल कहते हैं कि कुछ समय पहले उनका रोजाना 400 टन ऑक्सीजन उत्पादन वाले प्लांट को लगाने का प्लान था। लेकिन सरकार ने बिजली पर क्रॉस सब्सिडी लगाने की मंजूरी दे दी। इस वजह से बिजली की कीमत बहुत ज्यादा हो गई। नतीजतन उनको अपने इस प्लांट को लगाने का आईडिया ड्रॉप करना पड़ा। योगेश अग्रवाल कहते हैं कि अगर राज्य सरकार उनको अभी भी कुछ रियायत दे दे तो अगले कुछ महीनों में पूरे उत्तर प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई करने के बराबर का ऑक्सीजन प्लांट तो वो खुद ही लगा देंगे।