योगी आदित्यनाथ सरकार के राज में कहा जा रहा था कि उत्तर प्रदेश में राम राज हो गया है। लेकिन ये कैसा राम राज है जिसमें आम जनता तो छोड़िए राज्य की पुलिस भी असुरक्षित है। उत्तर प्रदेश में 2 दिनों के अंदर 2 बार पुलिस बदमाशों के हमले का शिकार हुई है। पहले तो कासगंज और फिर शाहजहांपुर में पुलिस की टीम पर हमला हुआ है। जिसमें दरोगा को चोटें आई हैं और इस पूरी वारदात के बाद से एक बार फिर से राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था के मुख्यमंत्री के दावे को सवालों के घेरे में ला कर खड़ा कर दिया है।
पूरा मामला क्या है?
ये घटना यूपी के शाहजहांपुर के कलान कस्बे में हुई है। देर रात कुछ दबंगों ने एक बच्ची से छेड़छाड़ की और विरोध करने पर बदमाशों ने बच्ची के घरवालों को पीटना शुरू कर दिया। पुलिस जैसे ही वहां पहुंची तो दबंगों ने पुलिसवालों पर ही हमला कर दिया। आरोपियों ने पुलिसवालों से हाथापाई की, जिसमें दरोगा को भी चोटें आई हैं। इस घटना से मौके पर अफरातफरी होने के साथ डर का माहौल भी बन गया। कलान थाने से इसकी सूचना मिलने पर मिर्जापुर और परौर पुलिस भी कलान पहुंची और फिर जाकर मामला शांत हुआ।
पुलिस ने अपने बयान में क्या कहा?
पुलिस की ओर से एसपी ग्रामीण संजीव कुमार वाजपेयी ने बताया कि 5 आरोपियों को अभी पकड़ा गया है। बाकियों के नाम सामने आने पर उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी। एफआईआर दर्ज की जा रही है। कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि इससे पहले कासगंज में भी यूपी पुलिस की टीम पर हमला हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने एक आरोपी को मुठभेड़ में मार गिराया गया था लेकिन मामले का मुख्य आरोपी अभी भी फरार चल रहा है।
कासगंज में क्या हुआ था?
कासगंज में पुलिस नगला धीमर गांव में अवैध शराब के गोरखधंधे को बंद कराने के लिए गई थी। इसी दौरान अवैध शराब कारोबारियों ने पुलिस टीम पर ही हमला कर दिया। आरोपियों ने लाठी और बाकी हथियारों से पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया और बंधक बनाकर उनकी पिटाई भी की। शराब माफियाओं ने सिपाही देवेंद्र की पीट-पीटकर कर हत्या कर दी, जबकि दरोगा अशोक कुमार बुरी तरह से घायल हो गए थे। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है।
कलान थानाक्षेत्र में कुछ युवकों द्वारा पुलिस टीम पर हमला किए जाने एवं कृत कार्यवाही के संबंध में श्री संजीव कुमार बाजपेई अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण #shahjahanpurpol का वक्तव्य। @CMOfficeUP@UPGovt#UPPolice@Uppolice@dgpup@adgzonebareilly@igrangebareilly@News18UP@ZEEUPUKpic.twitter.com/np3yS9SNtu
— SHAHJAHANPUR POLICE (@shahjahanpurpol) February 11, 2021
पुलिस मुठभेड़ों पर उठते सवाल
गौरतलब है कि बीते साल कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद उत्तर प्रदेश के शासन और प्रशासन की खूब किरकीरी हुई थी। इस मामले में पुलिस, अपराध और राजनीति का तगड़ा गठजोड़ सामने आया था। मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे का नाटकीय रूप से किया गया एनकाउंटर भी देखने को मिला था, जिसने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को चर्चा का विषय बना दिया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी किया था। ये नोटिस एक याचिका की सुनवाई के दौरान किया गया था। जिसमें कहा गया था कि इन मुठभेड़ों की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराई जाए और इसकी निगरानी कोर्ट करे।
रामराज में कानून व्यवस्था भगवान भरोसे?
उत्तर प्रदेश में लगातार दर्ज हो रही आपराधिक घटनाओं के चलते प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार सुर्खियों में रहती है। कभी समाजवादी पार्टी को कानून व्यवस्था के नाम पर घेरने वाली भारतीय जनता पार्टी, अब सत्ता में आने के बाद खुद जिस मुद्दे पर सबसे फेल रही है, वो कानून व्यवस्था है। बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष, सरकार पर हमलावर है, तो वहीं प्रशासन तुलनात्मक आंकड़े साधने-संभालने में जुटा है।
रामराज में नहीं हैं सुरक्षित महिलाएं
महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बताने वाली भाजपा की योगी सरकार में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। लगातार बलात्कार और हत्या की घटनाओं ने रामराज पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। इसके अलावा लड़कियों को जलाने के लिए तो शासन पहले से ही बदनाम है, जैसा कि हमने हाथरस में देखा था।