आज फिर से सुबह उठते ही टेलीविज़न खोला – न्यूज़ मिला उत्तर प्रदेश और योगी एक्शन| चैनल उलटा पलटा लेकिन सभी चैनल इसी मार-मारी में थे कि कौन सा न्यूज़ चैनल सबसे ज्यादा यूपी का कवरेज दिखा पायेगा|
किसी चैनल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का डेली रूटीन दिखाया जा रहा था तो किसी चैनल पर उनकी धोती का रंग समझाया जा रहा था|
इन सबके बीच कुछ और न्यूज़ ना मिलने पर मैं उठ कर चली गयी और कुछ समय बाद नहा कर वापस आयी तो रेडियो पर सूना कि चिन्ननती के किसी नाईट क्लब में आतंवादी हमला हुआ था|
रेडियो पर चैनल स्वीच किया तो पता चला कि तमिलनाडु को कावेरी नदी के जल पर समस्या है तो कर्नाटक को अपने मुख्यमंत्री एम एस कृष्णा को लेके परेशानी| मध्य प्रदेश में कुछ आतंकवादी भी पकड़े गए हैं जो प्रधानमन्त्री पर हमले की साज़िश रच रहे थे | तेलंगाना में देश का पहला मोबाइल क्लिनिक लांच हुआ है तो पंजाब के इंडो-पाक बॉर्डर पर पकिस्तान का कोई सेवाकर्मी भी बीएसएफ के जवानो द्वारा मारा गया है|
और हाँ, जिस एक विषय पर साल भर से प्रचार प्रसार हुआ वो जल दिवस भी आज विश्व स्तरीय रूप में मनाया जा रहा है|
मैंने सोचा, आज तो देश में बहुत कुछ चल रहा है जरा टेलीविज़न खोलू तो कुछ विस्तार में पता लगे|
मैंने फिर से न्यूज़ चैनल लगाया| और पहले न्यूज़ चैनल में मैंने देखा पंजाब में अन्न का सही दाम न मिलने से किसान के प्रोटेस्ट को नही बल्कि लखनऊ में शेर को टुंडे कबाब न मिलने पर यूपी के शेरो का हड़ताल दिखाया जा रहा था|
मैंने दूसरा चैनल लगाया तो आसनसोल में जेल से कैदी गायब होने की खबर नही बल्कि लखनऊ से छोले भठूरे गायब होने को ब्रेकिंग न्यूज़ में दिखाया जा रहा था|
तीसरा चैनल लगाया तो मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का गोरखपुर में गाय को चारा खिलाने का १० सेकंड का विडियो को प्राइम टाइम न्यूज़ बना दिया गया था जबकि पूरा देश और कृषि मंत्री खुद दूध के दाम को लेके परेशान हैं |
चौथा चैनल खोला तो देखा कि जहाँ एक दिन पहले ५ साल की बच्ची का बलात्कार हो गया हो उसी राज्य में पुलिस यूपी के सारे प्रेमी जोड़े को नैतिकता का सर्टिफिकेट लेके चलने को कहने में व्यस्त हैं|
पांचवां चैनल खोला तो उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री का नवरात्री के व्रत का ही डीएनए करने में लोग अपनी खुशकिस्मती समझ रहे हैं|
इतना देख कर मैं बिलकुल सन्न रह गयी फिर सोचने लगी कि ये १ महीने पहले जो चुनाव हुआ था वो विधानसभा का ही चुनाव था ना ? या कहीं ये चुनाव देश में नए गणतंत्र के गठन के लिए तो नही हुआ था ? शायद मुझे ही जानकारी ना हो क्योंकि देश के सभी लोग पंजाब में ड्रग्स को भूल कर यूपी में किसके घर पर किस तरह से गोलगप्पे में पानी बनाया जाता है उसी में लगे हैं|
चैनल वाले एंटी -रोमियो स्क्वाड की वजह से कितने जगह उत्तर प्रदेश में ब्रेक अप हुए हैं इसी में परेशान हैं जबकि बाकी राज्य आरबीआई का नोटबंदी पर मिले नोटिस से परेशान| आखिर क्यों ?
बहुत सोचने के बाद मुझे उत्तर मिला जो शायद आजकल कहना सार्थक भी है कि “उत्तर प्रदेश एक राज्य नही बल्कि नया गणतंत्र बन गया है और गोरखपुर उसकी राजधानी”| आज देश के सभी न्यूज़ चैनल में सुबह से शाम तक सिर्फ और सिर्फ उत्तर प्रदेश को लेके बात हो रही है|
हो भी क्यों ना सही या गलत लेकिन योगी आदित्यनाथ एक्शन में दिख रहे हैं| किन्तु सोचनीय विषय है कि हमारे देश कि मीडिया वास्तव में क्या अपना कर्त्तव्य भूल गयी है ? या मेरी तरह देश का न्यूज़ चैनल भी कंफ्यूज हो गया है कि विधानसभा चुनाव के बाद नए देश उत्तर प्रदेश और देश की राजधानी के रूप में गोरखपुर का गठन तो नही हो गया है ?