सुना है मेरे जाने के बाद राजनीति के कुछ नुमाइंदे घर पर आये थे भइया| आने दो आने दो उनका काम यही तो है, लेकिन तुम मुवावज़ा लेने के लिए तैयार नहीं होना| बल्कि मेरे लिए इन्साफ मांग लेना अगर तुम सबमें हिम्मत हो तो |
हम कहते थे ना, ‘जो होता है उन सबके पीछे कोई ना कोई उद्देश्य जरूर होता है ‘ | क्या बोले , नहीं याद ? जरा एक नजर मेरी फेसबुक के प्रोफाइल कवर को तो देखो, सब याद आ जाएगा |
आज भी यही समझाने की कोशिश कर रही हूँ, भगवान के हर काम के पीछे एक उद्देश्य होता है| देखो तुम सबकी निधि एक उद्देश्य बन गयी तुम्हारी लड़ाई की, ताकि कोई और निधि अपने घर, परिवार, दोस्तों, रिश्तेदारों से यूँ दूर ना हो पाए|
धर्म जाति , गाय, बछड़े की व्यर्थ राजनीति करने वालों को शायद अब दिख जाय कि उनको एक नजर बनारस में खुला घूमने वाले आवारा जानवर की तरफ भी दौड़ाने की है |
पापा बहुत प्यार और आशीर्वाद से अपनी बेटी के लिए सपने संजोये थे हमको माफ़ कीजियेगा पापा हम पूरा नहीं कर पाए, दरअसल हमको एक उद्देश्य पूरा करना था ना| अगर हम ये साधन नहीं बनते तो कोई निधि होती| अरे फक्र करो हम पर हमने जाते हुए भी तुम सबको एक उद्देश्य दिया ताकि बनारस की व्यवस्था को सुधारा जा सके|
लेकिन मेरी ये कुर्बानी तो व्यर्थ ना करना तुम सबके हाथ में है दोस्तों,
क्योंकि हर घटना के बाद २ महीने तक उस पर सियासत होती है और फिर सब ठन्डे बस्ते में| यदि तुम सब हिम्मत हार गए हमको इन्साफ कौन दिलाएगा?
हिन्दुस्तान न्यूज़ पेपर द्वारा शुरू किया गया मुहीम ‘निधि मांगे इन्साफ’ के लिए थे दिल से शुक्रगुजार हूँ| प्लीज़ इसको तब तक चलाना जब तक बनारस की सड़कों से ये सारे मौत के सौदागर पूरी तरफ नदारत ना हो जाए|
हाँ हाँ जानती हूँ, मोहल्ले की आंटी लोग को गाय को हरा चारा और व्रत के दिन पूरी हलवा खिलाने में थोड़ी दिक्कत होगी क्योंकि उनको थोड़ा दूर गौशाला या किसी के घर जाना होगा, सड़क पर नहीं मिलेंगी ये लोग लेकिन यकीन मानो इससे तुम्हारी निधि एटीएम से पैसा निकालने के लिए जाते वक़्त घबराएगी नहीं |
मेरे लिए ना सही अपनी निधि के लिए इस मुहीम का हिस्सा बनोगे ना आपलोग?
सुनो दोस्तों हमको याद करके रोने की जरुरत नहीं है बल्कि हम तुमलोगों को जो उद्देश्य दिए हैं उसको अमल में लाओ| रो रो के अपनी निधि की याद को दिल से बहाओ मत|
अरे हाँ हम तो भूल ही गए थे, ये तो इस देश के प्रधानमन्त्री जी का संसदीय क्षेत्र है, हमको पूर्ण विश्वास है हमको इन्साफ मिलेगा, इसलिए घबराना मत| हम तो इतनी बड़ी कुर्बानी दिए, तुम काम से कम हिम्मत तो दिखाओ|
भइया, मम्मी से बोलना अपना ख़याल रखेंगी आप सब हो ना निधि की कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देंगे| प्लीज़ दोस्तों, याद रखना जिस दिन इस शहर से ये सारे आवारा मौत के सौदागर नगर निगम द्वारा हटवा लिए जाएंगे उसी दिन हमको पूर्णाहुति तुम सबकी तरफ से मिलेगी और उसी दिन होगा असल इन्साफ|
तब तक हम कहीं नहीं जाएंगे, इस शहर की एक बहुत ही गन्दी व्यवस्था को सुधारने का उद्देश्य बन कर हमेशा तुम सबके साथ रहेंगे|
सभी लोग अपना ख़याल रखना और हिम्मत ना हारना|
इन्साफ की प्रतीक्षा में,
आप सबकी निधि
CAUTION: इस लेख का उद्देश्य किसी की भावना को आहात करने का नहीं अपितु निधि के इन्साफ की चिंगारी को जलाये रखने की मांग पर है, कृपया इस चिंगारी को जलाये रखिये और निधि की कुर्बानी को एक उद्देश्य बनाइये ताकि उसका जाना व्यर्थ ना हो |
ज्ञात हो कि, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रा निधि यादव 20 फरवरी 2018 को दोपहर के वक्त एटीएम से पैसा निकालने घर से निकली थी, जिसके बाद वह कभी घर वापस नही लौटी। इस घटना का स्थान पटिया वाराणसी है,जो कि भेलूपुर थाने के अंतर्गत आता है।
निधि की मौत की वजह था एक सांड। जब निधि पैसे निकालने जा रही थी तो रास्ते मे दो सांड लड़ रहे थे। बदनसीबी से निधि वाहा पर मौजूद थी। उनमे से एक सांड निधि की तरफ मुड़ गया और उनसे निधि पर ही आक्रमण कर दिया।निधि वही पर बुरी तरह चोटिल हो गयी और जिसके करीब आधे घंटे बाद तक उसे किसी ने अस्पताल नहीं पहुँचाया।लोग बस खड़े होकर तमाशबीन बने हुए थे। अंततः 24 फरवरी को ट्रामा सेंटर BHU में उनका निधन हो गया।