Site icon Taaza Tadka

यूपी चुनाव २०१७: दूसरे चरण में इन बातों पर है निगाह

मुस्लिम लीडरशिप का आपसी टकराव चुनावी गणित जरूर बिगाड़ेगा| जाट, गुर्जर के अलावा सैनी, मौर्या, कुशवाहा, कश्यप , लोध व कुर्मी मतदाताओं के इलाके में भाजपा ने बड़ा

देवबंदी और बरेलवी रुझान

इस चरण में मुसलामानों की दो बड़ी विचारधारा देवबंदी और बरेलवी के रुझान का भी आंकलन होगा| मुस्लिम सियासती गढ़ में इन मतों को पूरी तरह से अपने खेमे में लेने की तैयारी सपा और बसपा की तरफ से पूरी हो चुकी है | अब बारी है मताधिकार का उपयोग करने वाले मुस्लिम वोटरों का | मुसलामानों का अगर बंटवारा होगा तो एक और बड़ी सियासी रणभूमि अलहदा पर नजर जा सकता है| पिछले चुनाव में मुसलमानों ने एकतरफा सपा को वोट करते हुए पुरे ६७ सीटों में ३४ पर साइकिल को ही दौड़ा दिया था|

इन मंत्रियों के साख का सवाल

दूसरे चरण में आज़म खान के अलावा इकबाल महमूद, कमाल अख्तर, महबूब अली, राममूर्ति वर्मा व रियाज़ अहमद की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है| यहाँ प्रदेश ही नहीं केंद्र सरकार के मंत्रियों- मुख्तार अब्बास नकवी , मेनका गाँधी, संतोष गंगवार और कृष्णराज के लिए भी अपनी लोकप्रियता सिद्ध करने का मौक़ा है| वहीँ भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना के सामने भी अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखने की चुनौती है|

संभल जिले की अलग अलग सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी

संभल जिले की चारों सीट पर सबकी नजर है , क्योंकि मुस्लिम लीडरशिप का आपसी टकराव चुनावी गणित जरूर बिगाड़ेगा| इकबाल महमूद और तुर्क नेता शफीकुर्रहमान की पकड़ भी इन्ही नतीजों से तय होगी|

बसपा का दलित-मुस्लिम समीकरण का बड़ा दाव

बहुजन समाज पार्टी ने इस चुनाव में दलित मुस्लिम समीकरण पर बड़ा दाव चला है| पहले चरण में खुद की बेहतर स्थिति होने का दावा कर रही बसपा के लिए दुसरा चरण जीवन – मरण का सवाल है| बसपा द्वारा अतिपिछड़ों की भरपाई के लिए सौ मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारने की रणनीति पर भी दाव लगा है |

कांग्रेसी सितारों का इम्तिहान

दूसरे चरण का चुनाव कांग्रेस के दो प्रमुख चेहरों इमरान मसूद और जितिन प्रसाद की इज्जत का भी सवाल बना हुआ है| कांग्रेस का मुस्लिम चेहरा बनाये गए इमरान मसूद को इस बार समाजवादी साथ सुहा रहा है लेकिन ध्रुवीकरण का ख़तरा भी वो मानते हैं| वहीँ कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को सूबे की सियासत में उतारने का प्रयोग किया गया है|

यादव कुनबे का विशेष इम्तिहान

दूसरे चरण में यादव कुनबे का विशेष इम्तिहान भी है| बदायूं जिले में सहसवान , शेखुपुर, बिसौली और सदर सीट पर सपा व दातागंज व बिल्सी सीट पर बसपा का कब्ज़ा है | २०१४ के मोदी लहर में भी धर्मेंद्र यादव विजयी हुए थे लेकिन इस बार सच पूछिये तो उनकी असली परीक्षा है|

भाजपा का अन्य पिछड़ों पर बड़ा दाव

जाट, गुर्जर के अलावा सैनी, मौर्या, कुशवाहा, कश्यप , लोध व कुर्मी मतदाताओं के इलाके में भाजपा ने बड़ा दाव लगाया है| भाजपा को अनुमान है कि, वैसे भी बड़े जाती वाले भाजपा को ही वोट देंगे तो ज्यादा बड़ा दाव छोटी और पिछड़ी जाति पर ही लगाना उचित है|

छोटे दल बिगाड़ सकते हैं बड़े दलों का समीकरण

खासकर राट्रीय लोकदल और महान लोकदल जैसी पार्टियों की अनदेखी नही की जा सकती है| दूसरे चरण की ६७ सीटों में से रालोद ने ५३ पे अपने प्रत्याशी उतारे हैं| जाट वोट वाले क्षेत्र विशेषकर जैसे , बिजनौर , अमरोहा, मुरादाबाद जैसे क्षेत्र में जाट वोटर समीकरण में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं|

आज़म के दबदबे का असल इम्तिहान

सवाधिक मुस्लिम बाहुल्या वाले रामपुर में सबकी नजर इस बार टिकी हुई हैं,| अखिलेश सरकार में सबसे असरदार मंत्री रहे आजम खां अपने पुत्र अब्दुल्ला आज़म को मैदान में उतार रहे हैं| आजम खां को इस बार कांग्रेस नहीं बल्कि सिर्फ भाजपा और बसपा से टक्कर लेना है| रामपुर में ४ सेटों पर २ कांग्रेस और २ सपा के प्रत्याशी हैं|