Headline

All around the world, thousands of markets have millions of tents, and an Arabic tent still lists at the top position and astonishing part of Arabic tents.

Taaza Tadka

राज-महंत योगी आदित्यनाथ नहीं होंगे यूपी के मुख्यमंत्री, जानिये क्यों

इसका असर आगे आने वाले चुनाव २०१९ में इसका असर सीधे तौर पर प्रधानमन्त्री की कुर्सी पर पद सकता है| इसलिए जाहिर है बीजेपी सीधे तौर पर अपना नुकसान नही

यूपी विधानसभा चुनाव अब ख़त्म हो चुका है जिसमे भारतीय जनता पार्टी को यूपी की जनता ने पूर्ण बहुमत से जिताया है| यही नहीं बल्कि बीजेपी को यूपी चुनाव में कुल 42% वोट शेयर मिले जिसमे सभी जाती वर्ग के लोग थे|

इस बार बीजेपी की वोट बैंकिंग ख़ासा हिन्दू- मुसलमान आधारित था इसीलिए इस बार के चुनाव प्रचार में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के बाद जो चेहरा सबसे ज्यादा महत्व रखता था वो था गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ का चेहरा|

उनको इस बार चुनाव में सबसे ज्यादा महत्व दिया गया पूर्वांचल में लगभग हर जगह उन्होंने हिन्दुओ को एक होने का आह्वाहन किया| इसके लिए पार्टी द्वारा उनको विशेष रूप में २ हेलीकॉप्टर सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए दिए गए थे|

योगी आदित्यनाथ एक हिंदुत्व चेहरा हैं और गोरखपुर के लोग कही न कही इस चेहरे को भगवान् की तरह पूजते भी हैं| जिनकी वजह से हिन्दू धर्म कि सभी जाति वर्ग ने इस बार एक-जुट होकर भारतीय जनता पार्टी को अपना मत दिया है|इस बात से आंकलन लगाया जा रहा था कि, इस बार योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बन सकते हैं , किन्तु यदि सूत्रों की माने तो अभी १२ मार्च को बीजेपी की एक बैठक में यह निष्कर्ष निकाला गया कि, योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से बहुत दूर हैं|

क्यों नहीं होंगे योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री ?

इसकी मुख्य वजह यह है कि योगी आदित्यनाथ एक सवर्ण चेहरा हैं वो ब्राह्मणों के ख़ासा हिमायती भी हैं और यदि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया तो OBC और SC /ST वर्ग के लोगों को बुरा लग सकता है क्योंकि यूपी में दलित वोट सबसे ज्यादा है और इसका असर आगे आने वाले चुनाव २०१९ में इसका असर सीधे तौर पर प्रधानमन्त्री की कुर्सी पर पद सकता है|

इसलिए जाहिर है बीजेपी सीधे तौर पर अपना नुकसान नही कर सकती है क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान दलित वोट का महत्व भारत की सभी राजनितिक पार्टियां विशेष रूप से समझती हैं|

ज्ञात हो कि इस बार बीजेपी के घोषणापत्र में आयोध्या का राम मंदिर एक विशेष मुद्दा मान कर चला गया और इसी रणनीति के मद्देनज़र बीजेपी को सभी हिन्दू जाति वर्ग यहाँ तक कि यूपी पूरब के पिंडरा जैसे क्षेत्र में यादव के भी वोट मिले|

आपको बता दें कि फिलहाल जिन दो नामों को सबसे आगे रखा जा रहा है वो हैं प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या और मनोज सिन्हा जिसका साफ़ तौर पर घोषणा १६ मार्च को कर दिया जाएगा|